जिस ‘श्री कल्कि धाम मंदिर’ का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, क्या आप जानते हैं उसकी खासियत

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kalki Dham UP: पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने एक दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. आज सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी संभल पहुंचे. जहां पर उन्होंने बहुप्रतिक्षित ‘श्री कल्कि धाम मंदिर’ का शिलान्यास किया. इस दौरान सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. जानकारी दें कि अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद संभल के ‘श्री कल्कि धाम मंदिर’ की चर्चा काफी तेजी से की जा रही थी. इतना ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में एक ही नारा गूंज रहा था, वो है ‘अवध पुरी से कल्कि धाम, जय श्री कल्कि जय श्री राम.’

श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम हैं. उन्होंने पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और श्री कल्कि धाम के शिलान्यास का न्योता दिया था. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास किया.

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जानिए श्री कल्कि धाम की विशेषताएं

जानकारी दें कि कल्कि धाम केवल एक मंदिर नहीं है, बल्कि यह विश्व का अनोखा मंदिर है. ऐसा इसलिए क्योंकि कल्कि धाम पहला ऐसा धाम है जहां भगवान के अवतार लेने से पहले उनका मंदिर स्थापित हो रहा है.

  • बनने वाले कल्कि धाम में एक नहीं बल्कि 10 गर्भगृह बनाए जाएंगे. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के 10 अवतार होंगे, जिन्हें 10 अलग-अलग गर्भगृह स्थापित किया जाएगा.
  • कल्कि धाम में बनने वाले मंदिर का निर्माण उसी पत्थरों से किया जाएगा, जिससे सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण किया गया है. इतना ही नहीं कल्कि धाम मे भी लोहा या स्टील का प्रयोग नहीं किया जाएगा.
  • इस मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा बनाया जाएगा. वहीं, 68 तीर्थ की इसमें स्थापना होगी. 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनेगा.
  • इस मंदिर का निर्माण 5 एकड़ में किया जाएगा. माना जा रहा है कि इसके निर्माण में कुल 5 साल का वक्त लग सकता है.
  • यह मंदिर भवन के दृष्टिकोण से भी भव्य होगा और धार्मिक दृष्टिकोण से भी दिव्य होगा.

वहीं, जो पुराना कल्कि धाम है वह अपनी पुरानी जगह ही रहेगा. वहीं, नया धाम जब बनेगा उसके लिए भगवान का नया विग्रह होगा जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. बता दें कि इसके लिए प्रभु की अद्भुत प्रतिमा लाई जाएगी. ग्रंथों की मानें तो जब भगवान कल्कि का अवतार होगा तो भगवान शिव के द्वारा उन्हें देवदत्त नाम का श्वेत अश्व प्रदान किया जाएगा. भगवान परशुराम उनको खडग प्रदान करेंगे, भगवान बृहस्पति उनको शिक्षा दीक्षा देंगे. इन सब बातों को ध्‍यान में रखते हुए ही ऐसे ही स्वरूप में भगवान का विग्रह होगा.

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