Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने का काम लगातार चल रहा है. आज राहत बचाव कार्य का 12वां दिन है. ऐसे में माना जा रहा है कि आज देर शाम या रात तक मजदूरों को निकलने में रेस्क्यू टीम सफल हो जाएगी.
दरअसल, कल देर रात ड्रिलिंग के दौरान मशीन के सामने लोहे की सलाखों ने ड्रिलिंग के रास्ते को रोका, जिसे स्पेशल कटर लगाकर काटा गया. इसके लिए गैस कटर का प्रयोग किया गया था. इसके बाद फिर ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन खराब हो गई. ऑगर मशीन को ठीक करने के लिए दूसरी मशीन को हेलिकॉप्टर से लाया गया. ड्रिलिंग का काम आखिरी चरण मे चल रहा है. ऐसे में इसको लेकर खास तैयारियां हैं.
कभी भी पूरा हो सकता है ड्रिलिंग का काम
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग के धंसने से उसमे 41 मजदूर फंस गए. ये हादसा 12 नवंबर को दीपावली के दिन हुआ था. पिछले 12 दिनों से लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहा है. सुरंग से मजदूरों को निकालने के लिए 900 एमएम की पाइप लगाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का जा रही है, जिसका लगभग काम पूरा हो गया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 30 मीटर की खुदाई और कर करनी है, जिसके बाद रेस्क्यू की टीम मजदूरों को निकालने में सफल हो जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार ड्रिलिंग का काम लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है. एक्सपर्स्ट्स की मानें तो 10 से 12 घंटे के भीतर ही मजदूरों तक पहुंचने में सफलता मिल जाएगी. फंसे मजदूरों के बाहर आने के बाद सबसे पहले चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. जहां पर उनकी जांच की जाएगी.
मौके पर उपस्थित रेस्क्यू ऑपरेशन टीम ने अतिरिक्स स्ट्रेचर तैयार की है. इसमे बेरिंग और पहिए लगाए गए हैं, इससे मजदूरों को बाहर लाने में आसानी होगी. मजदूरों को पाईप के अंदर क्रॉल नहीं करना पड़ेगा बल्कि इसके स्थान पर पहिए वाले स्ट्रेचर से खींचकर वो बाहर निकाले जाएंगे.
मौके पर 40 एंबुलेंस तैनात
सिल्क्यारा सुरंग घटनास्थल पर ‘ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, स्ट्रेचर से लेकर बीपी उपकरण तक’ सभी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता मशीने तैनात हैं. वहीं, एनडीआरएफ के बचाव कर्मी गैस मास्क और स्ट्रेचर लेकर अंदर जा रहे हैं. पाइप जैसे ही मलबा पार करेगी सबसे पहले उसमें एनडीआरफ के जवान पाईप में घुसकर मजदूरों तक जाएंगे. 1 एंबुलेंस की तैनाती स्टैंडबाई पर की गई है. इसको लेकर मीडिया से बात करते हुए एम्बुलेंस स्टाफ सदस्य हरीश प्रसाद ने कहा, “सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. हमारी 40 एंबुलेंस यहां तैनात रहेंगी, जिन्हें देहरादून, हरिद्वार और टिहरी यहां भेजा जा रहा है. सुरंग के बाहर चेस्ट स्पेशलिस्ट सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को सुरंग के बाहर तैनात किया गया है.’
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41 बेड का अस्पताल तैयार
फंसे श्रमिकों के बाहर निकलने के साथ ही सबसे पहले उनको चेकअप के लिए अस्पताल में ले जाया जाएगा. एंबुलेंस की मदद से श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. यहां पर 41 बेड का वार्ड तैयार किया गया है. यहां पर चिकित्सकों की एक टीम तैयार है. अगर कुछ मजदूरों की तबीयत खराब होती है तो उन्हें उच्च उपचार के लिए दूसरी जगहों पर ले जाया जाएगा. साथ ही जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ एम्स, ऋषिकेश को भी अलर्ट पर रखा गया है.
क्या बोले सीएम धामी
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “ऑगर मशीन के जरिए 45 मीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है. बचाव अपने अंतिम चरण में है. कुछ बाधाएं आ रही हैं, लेकिन हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द सभी श्रमिक बाहर आएं. बचाव के बाद की तैयारियां कर ली गई हैं. एम्बुलेंस और अस्पताल उनके चेकअप और इलाज के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी हर दिन बचाव अभियान पर अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने आज भी अपडेट लिया है. हमारे एक्सपर्ट्स मजदूरों को बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं.”