App MShield 2.0: भारत की सीमा से लगे चीन और पाकिस्तान देश को अस्थिर करने के लिए हमेशा नापाक हरकतें करते रहते हैं. पाकिस्तान कभी घुसपैठ, कभी तस्करी तो कभी हनी ट्रैप के जरिए भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करता रहा है.
पाकिस्तान चाहता है कि भारतीय सैनिकों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे सीक्रेट जानकारी हासिल की जा सके और कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिला है. हालांकि अब पाकिस्तान संभवत: अपनी योजना में सफलता हासिल नहीं कर पाएगा. भारतीय सेना ने MShield 2.0 सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है जिससे दुश्मन कभी भी जवानों को हनी ट्रैप में नहीं फंसा सकेगा.
अधिकारी की रहेगी पैनी नजर
भारतीय सेना ने इस तरह का सॉफ्टवेयर इसलिए बनाया गया है, ताकि सैनिकों की ओर से अनजाने में भी कोई जानकारी लीक न हो जाए. केवल सेना के जवान ही इस एप्लीकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं. इस एप्लीकेशन के जरिए अधिकारी को यह पता चल जाता है कि सेना के किसी जवान ने कहीं कोई प्रतिबंधित ऐप तो डाउनलोड नहीं कर ली है.
MShield 2.0 से यह भी पता चलता है कि कोई PIO कॉल तो नहीं आई है, जिसका अक्सर हनी ट्रैप के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि इस एप्लीकेशन को इस्तेमाल करने के बाद अभी तक हनी ट्रैप से जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है. इस मोबाइल एप्लीकेशन की खास बात यह है कि इसे केवल सेना के जवान ही इस्तेमाल करते हैं. अक्सर जाने-अनजाने में किसी भी तरीके से कोई भी जवान इस हनी ट्रैप का शिकार ना हो उसके लिए यह मोबाइल एप्लीकेशन बनाया गया है.
पूर्व में सामने आए हनी ट्रैप के मामले
कैप्टन शिवानी तिवारी ने बताया कि इस समय यह एप्लीकेशन हमारी रोमियो फोर्स में इस्तेमाल हो रही है और हमारा उद्देश्य है कि इसी एप्लीकेशन को पान आर्मी में भी शामिल करवाया जाए. देश में हनी ट्रैप के केस लगातार सामने आते रहे हैं. अधिकतर मामलों में सेना के जवान ही इसके शिकार बनते हैं. सेना के जवान के साथ ही रक्षा मंत्रालय और सुरक्षा से जुड़े कई अहम विभागों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी फंसते रहे हैं.
मई 2023 में महाराष्ट्र के एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने डिफेस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के एक वैज्ञानिक को हनी ट्रैप मामले में अरेस्ट किया था. वहीं नवंबर 2022 में विदेश मंत्रालय में काम करने वाले एक ड्राइवर को कथित तौर पर गिरफ्तार किए जाने की खबर आई थी.
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