Hijab Ban: मुस्लिम बहुल देश ताजिकिस्तान में हिजाब के इस्तेमाल पर रोक लग गई है. ताजिकिस्तान की संसद ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है. इस कानून का पालन न करने पर 60 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. सरकार ने ये कदम देश में धर्म के सार्वजनिक प्रदर्शन को रोकने के लिए उठाए हैं. मालूम हो कि ताजिकिस्तान में हिजाब को लेकर भले ही कानून अब बनाया गया हो, लेकिन देश में इस पर लंबे समय से अनाधिकारिक बैन लगा हुआ है. यह कानून ज्यादातर हिजाब, या इस्लामिक हेड स्कार्फ और इस्लामी कपड़ों की अन्य पारंपरिक वस्तुओं पर ज्यादा फोकस करता है.
दुशांबे में काले कपड़े बेचने पर लगा था प्रतिबंध
मालूम हो कि दो वर्ष पहले देश की राजधानी दुशांबे में काला कपड़ा बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. अब आधिकारिक हिजाब प्रतिबंध की अफगानिस्तान में इस्लामी विद्वानों और मौलवियों के संघ और अमेरिकी-इस्लामिक संबंध परिषद द्वारा निंदा की गई है. वर्ष 2015 में राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने हिजाब के खिलाफ आंदोलन भी चलाया था.
वहीं, धार्मिक कमेटी के अध्यक्ष सुलेमान दावलत्जोदा ने बच्चों की ईदी पर बैन लगाने का फैसला लिया है. ऐसा बच्चों की सुरक्षा, फिजलखर्च रोकने और पढ़ाई पर फोकस बढ़ाने के लिए किया गया है. इस कानून की निंदा पूरे देश में हो रही है.
1994 से ताजिकिस्तान अपने राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के अधीन वास्तविक तानाशाही रहा है. 2016 में देश के मतदाताओं ने संवैधानिक परिवर्तनों का भारी समर्थन किया, जिसने रहमोन को शासन करने की अनुमति दी.