Mumbai: 13 व 14 जनवरी को मुंबई में अंतरराष्ट्रीय ग़ज़ल कुंभ का आयोजन किया गया। ‘अंजुमन फ़रोगे उर्दू दिल्ली व बसंत चौधरी फाउंडेशन नेपाल द्वारा, पिछले 15 वर्षों से आयोजित होने वाला ग़ज़ल कुंभ अब एक स्थापित साहत्यिक आयोजन है। देश के अलग अलग शहरों में आयोजित हो चुके ग़ज़ल कुंभ का आयोजन इस बार सन्यास आश्रम, विले पार्ले मुंबई में किया गया। वरिष्ठ शायर दीक्षित दनकौरी के संयोजन में होने वाले इस आयोजन को वरिष्ठ शायर सर्वश्री नन्दलाल पाठक, गोविंद गुलशन, कैसर ख़ालिद, सुभाष काबरा, देवमणि पांडे, प्रदीप निफाड़कर, वीरेंद्र याज्ञनिक, सदरे आलम गौहर, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अमरजीत मिश्र का सानिध्य प्राप्त हुआ व देश भर से पधारे, 150 से अधिक शायरों ने दोपहर 1 बजे से रात 9 बजे तक ग़ज़लपाठ किया।
अभिनेता व कवि रवि यादव ने बताया कि बाहर से आने वाले शायरों के लिए ठहरने और सभी शायरों के लिए खाने की व्यवस्था निःशुल्क की गई। पिछले 15 वर्षों से वरिष्ठ शायर श्री दीक्षित दनकौरी जी ये ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं। उनकी विनम्रता और प्रत्येक कवि के प्रति सम्मान भाव व मेहमाननवाज़ी की भावना ने आयोजन को एक नई ऊंचाई दी। सुप्रसिद्ध शायर सन्तोष सिंह व उनकी टीम द्वारा सारी व्यवस्थाओं को बड़े ही अच्छे तरीके से संचालित किया गया।
रवि यादव ने बताया कि देश भर से पधारे शायरों को सुनकर उनसे मिलकर और अपनी रचनाएँ पढ़कर तो अच्छा लगा ही साथ ही ये भी बहुत अच्छा लगा कि हमारे शहर गाज़ियाबाद से भी अनेक शायरों ने इसमें हिस्सा लिया। गाज़ियाबाद के 84 वर्षीय शायर शकील शिफ़ाई को विशेष रूप से सम्मान प्रदान किया गया।
एक सत्र की अध्यक्षता गाज़ियाबाद के वरिष्ठ शायर गोविंद गुलशन ने की और गाज़ियाबाद शहर के श्री चेतन आनंद, डॉक्टर सुधीर त्यागी, तूलिका सेठ, राजीव सिंघल, रवि यादव प्रमोद कुश, सोनम यादव, सीमा सिकंदर, डॉ.सरिता गर्ग व रचना जी सहित कई गणमान्य शायरों ने शिरकत की।
दीक्षित दनकौरी ने सभी शायरों के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए सूचित किया कि अगला ग़ज़ल कुंभ नेपाल में आयोजित होगा। दनकौरी जी ने बताया कि इस आयोजन के पीछे उनका मकसद ग़ज़ल परम्परा को आगे बढ़ाना है, वरिष्ठ ग़ज़लकारों के सम्मान के साथ नवोदित ग़ज़लकारों को आगे लाना है।