काबुलः ईरान और पाकिस्तान ने पिछले चार दिनों में लगभग 12,000 अफगान प्रवासियों को निर्वासित कर दिया है. एक बयान में तालिबान के शरणार्थी मंत्रालय ने कहा है कि 11,997 अफगान प्रवासियों को पाकिस्तान और ईरान की सरकारों ने अपने देश से निष्कासित कर दिया है. सभी शरणार्थी अफगानिस्तान लौट आए हैं.
खामा प्रेस के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि ईरान और पाकिस्तान से निष्कासित किए गए लोग 3 से 6 जुलाई के बीच तोरघुंडी, स्पिन बोल्डक, इस्लाम कला-हेरात और अब्रेशिम-निमरुज बॉर्डर से अफगानिस्तान में प्रवेश कर गए.
13,447 अफगान प्रवासी हुए थे निष्कासित
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया के बावजूद मानवीय संकट के बीच ईरान और पाकिस्तान से अफगान प्रवासियों को निर्वासित करने का सिलसिला जारी है. इससे पहले ईरान और पाकिस्तान से 13,447 अफगान प्रवासियों को निष्कासित कर दिया गया था.
अफगानिस्तान में गहराया मानवीय संकट
मालूम हो कि ईरान और पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेजे जाने से अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहरा गया है. दरअसल, जो प्रवासी निर्वासित किए गए हैं, उनमें से कइयों को अफगानिस्तान लौटने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान इस समय आर्थिक अस्थिरता और जरूरी बुनियादी सेवाओं की कमी से जूझ रहा है.
मानवीय संगठनों के सामने आ रही मुश्किल
उधर, अफगानिस्तान वापस लौटने वालों शरणार्थियों की अचानक बढ़ोत्तरी से मानवीय संगठनों को सभी को एक साथ मदद करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दुनिया भर के मानवाधिकार समूहों और संगठनों ने बड़े पैमाने पर निर्वासन की निंदा करते हुए अफगान निर्वासितों की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है.