Laos: आसियान शिखर सम्मेलन के लिए विदेश मंत्री जयशंकर पहुंचे लाओस

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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लाओसः दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर लाओस के वियनतियाने पहुंचे हैं. जयशंकर ने आसियान देशों के साथ भारत के जुड़ाव को आगे बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “आसियान बैठकों में भाग लेने के लिए वियनतियाने पहुंचे. एक्ट ईस्ट पॉलिसी के एक दशक पूरे होने पर आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद है.”

तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जयशंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने, लाओ पीडीआर में रहेंगे, जहां वह आसियान ढांचे के तहत आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में विदेश मंत्रियों की बैठकों में शामिल होंगे.

विदेश मंत्री जयशंकर लाओ पीडीआर के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के निमंत्रण पर लाओ पीडीआर का दौरा कर रहे हैं. यह यात्रा आसियान- क्षेत्रीय मंच के ढांचे के साथ भारत की गहरी भागीदारी और भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व, आसियान एकता, आसियान केंद्रीयता, इंडो-पैसिफिक (एओआईपी) पर आसियान दृष्टिकोण और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.

समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने 2014 में 9वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी. विदेश मंत्री द्वारा आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान लाओ पीडीआर के वियनतियाने में अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है.

आसियान दक्षिण पूर्व एशिया के दस देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक संघ है। जैसे-जैसे आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की ताकत बढ़ती जा रही है, भारत भी आर्थिक संघ के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है. इस महीने की शुरुआत में लाओस की राजधानी वियनतियाने में एएनआई से बात करते हुए लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (एलपीडीआर) के विदेश मंत्रालय में आसियान विभाग के महानिदेशक चटौलोंग बौआसिसावथ ने कहा कि भारत आसियान का एक महत्वपूर्ण भागीदार है.

भारत और सिंगापुर के बीच रीयल-टाइम भुगतान लिंकेज प्रणाली की घोषणा के बाद भारत ने घोषणा की कि वह मलेशिया और अन्य आसियान देशों के साथ मिलकर इस क्षेत्र के और अधिक देशों के लिए इसे क्रियान्वित करने के लिए काम कर रहा है.

‘एक्ट ईस्ट’ का जश्न मना रहा भारत
इस वर्ष भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक दशक का जश्न मना रहा है, जिसमें आसियान को नीति का केंद्रीय स्तंभ बनाए रखा गया है. भारत ने आसियान केंद्रीयता, इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) और लाओ पीडीआर की आसियान अध्यक्षता की प्राथमिकताओं और उनके विषय ‘आसियान: कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाना’ के तहत डिलीवरेबल्स के लिए अपना पूर्ण समर्थन दोहराया है.

पिछले वर्ष सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया गए थे. यह भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन के बीच संबंधों को 2022 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने के बाद पहला शिखर सम्मेलन था.

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