जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित “जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक महोत्सव” में हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम बाबा जित्तो ऑडिटोरियम, SKUAST जम्मू में आयोजित किया गया. इस अवसर पर निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज भी उपस्थित रहे.
एलजी मनोज सिन्हा ने अपने संबोधन में कार्यक्रम आयोजकों और इसके जुड़े सभी व्यक्तियों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को संरक्षित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. एलजी सिन्हा ने सभी संगठनों और नागरिकों से अपील की कि वे प्राचीन परंपराओं और मूल्यों को संजोने और समाज में इनका प्रसार करने का प्रयास करें.
उन्होंने कहा, “हमारी प्राचीन सभ्यता ने दुनिया भर को वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रभावित किया है. ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का विचार हमारी समृद्ध धरोहर का अभिन्न हिस्सा है.” इसके साथ ही, उन्होंने नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया और यह भी कहा कि संस्कृति और विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नए तरीकों को अपनाने की जरूरत है.
एलजी सिन्हा ने युवाओं, धार्मिक संगठनों और समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक, सांस्कृतिक और जीवंत विरासत के संरक्षण पर ध्यान दें. उन्होंने कहा, “स्थायी विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें अपनी लोक कलाओं, पारंपरिक हस्तशिल्प, सांस्कृतिक परंपराओं और प्राचीन ज्ञान प्रणाली को बचाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा.”
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिकों, कलाकारों और आध्यात्मिक गुरुओं को ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. उन्होंने आगे कहा, “हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए सभी हितधारकों की एकजुटता बेहद जरूरी है.” एलजी सिन्हा ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे सतत जीवनशैली (Sustainable Lifestyle) के ब्रांड एंबेसडर बनें और समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें.
इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों को सम्मानित किया गया. इसके अलावा, एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया और महंत रोहित शास्त्री द्वारा संपादित पुस्तक ‘अभिनंदन ग्रंथ’ का विमोचन किया गया, जो एलजी मनोज सिन्हा के जीवन पर आधारित है.
सांस्कृतिक महोत्सव का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक परंपराओं और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना था. कार्यक्रम के दौरान स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन और लोक नृत्यों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई.
इस आयोजन में एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें भारतीय सेना की तकनीकी प्रगति और सामरिक क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य युवाओं को सेना में भर्ती होने और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना था.
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में SKUAST जम्मू के वाइस-चांसलर प्रो. बी.एन. त्रिपाठी, विधायक शमलाल शर्मा, समाज कल्याण सचिव संजीव वर्मा, महंत रोहित शास्त्री, वरिष्ठ अधिकारी, धार्मिक नेता और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे. यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.