Tomato Price Hike: कहा जाता है समय से बड़ा कुछ नही होता है. ये बात चरितार्थ हो रही है, टमाटर के भाव को लेकर. दरअसल, टमाटर के भाव कुछ महीने पहले इतने ज्यादा बढ़े थे कि बड़े- बड़े रेस्टोरेंट्स भी इसके उपयोग से परहेज कर रहे थे. अब टमाटर के भाव का आलम ये है कि किसान इसको नदी में बहाने और जानवरों को खिलाने के लिए मजबूर हो गए हैं.
अगर देखे से तो समय केवल टमाटर का ही नहीं बल्कि किसानों का भी बदला है. कुछ महीने पहले जब टमाटर के भाव बढ़े थे तब कई लोगों ने टमाटर खाना छोड़ दिया था. वहीं, कई लोगों ने इसकी खपत कम कर दी थी. आज परिस्थिति एकदम बदल गई है.
जानवरों को खिलाया जा रहा टमाटर
मध्य प्रदेश के बड़वानी के किसान टमाटर के गिरे दामों से परेशान हैं. दरअसल, टमाटर थोक भाव में 2 से 3 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है. जिस वजह से किसान काफी परेशान हैं. सालखेड़ा राजपुर के किसान रणछोड़ पटेल ने अपने डेढ़ एकड़ के खेत में टमाटर की अच्छी खेती की थी, लेकिन प्राकृतिक आपदा की वजह से और नई बीमारी के कारण टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. किसान का कहना है कि एक महीने पहले टमाटर 200 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा था, अब 3 रुपए के आसपास बिक रहा है. इस कीमत से लागत भी नहीं निकल पा रही है.
किसानो को नहीं मिल रही लागत
गौरतलब है कि जब टमाटर के भाव ऊचाइंयों पर थे तब टमाटर को लेकर तमाम मीम्स शेयर हो रहे थे. यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर तमाम वीडियो बन रहे थे, लेकिन अब भाव इतने कम हो गए कि किसानों को टमाटर की लागत तक नहीं मिल पा रही है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि टमाटर तुड़वाने की मजदूरी देने के बाद कुछ भी नहीं बच रहा है, जिस वजह से किसान टमाटर की फसल को जानवरों को खिलाने पर मजबूर हैं.
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