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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत में टेलीविजन और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर चर्चा करने के लिए “SATCAB SYMPOSIUM 2025” का आयोजन किया गया. ज़ी एंटरटेनमेंट मीडिया ग्रुप और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (IBW) मिलकर इस इवेंट को 20 मार्च 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम (हॉल नंबर 4, टेक्नोलॉजी स्टेज) में कार्यक्रम का आयोजन किया. इस सिम्पोजियम का मुख्य थीम “What’s Making News and Connecting the CTV Dots”, जो कनेक्टेड टीवी रखा गया था. इस कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय भी शामिल हुए.
CMD उपेंद्र राय ने कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 1959 में हमारे देश में टेलीविजन आया, 15 सितंबर 1959 और 16 सालों में 1975 तक सिर्फ सात शहरों में टेलीविजन की सेवा शुरू हो पाई. 1982 में पहली बार भारत को यह सौभाग्य मिला कि हम कलर टीवी पर कलर पिक्चर देख सके. उसके बाद चीजे बहुत तेजी से बदली.
मैं यहां तक के सफर को काल खण्डों में बांट के देखता हूं
CMD उपेंद्र राय ने आगे बोलते हुए कहा कि मैं इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और यहां तक के सफर को मैं 7 काल खण्डों में बांट के देखता हूं. पहला कालखंड था जब हम थे और हमारी औकात अगर स्पीशीज में देखी जाए तो कीड़े मकोड़े से ऊपर थोड़ी सी ज्यादा थी. आदमी जंगल के हर जानवर से डरता था. सूर्यास्त होने से बहुत पहले हम छुप जाते थे और दोपहर होने के बाद हम निकलते थे. जुगाड़ देखकर कुछ खाने पीने का महीने में दो-चार बार मिल जाता था.
दूसरे काल के आविष्कार ने आदमी के हाथों में इतनी ताकत दी कि आदमी जंगल के शेर-भालू सबको डराने लगा और फिर आदमी यह सोचा कि अब हम एक सभ्यता का विकास करते हैं तो आदमी ने खेती शुरू की, कुछ खाने पीने की जो पसंदीदा चीज थी जंगल से उनके बीच इकट्ठा करके दो चार पांच 10 लोग समूह में रहना शुरू किया. इसको मैं तीसरा कालखंड मानता हूं.
चौथा कालखंड आया जब आदमी ने यात्राएं शुरू की. जब आदमी ने चलने के साधन बनाए और छोटे-मोटे खुरपी कुदाल जैसी चीजें उपयोग की जाती थी. मैं पांचवा कालखंड मानता हूं जब साम्राज्यों की स्थापना हुई, जब आदमी पूरी तरह से सिविलाइज हो गया, कपड़े पहनने लगा और आदमी की तरह दिखने लगा यह पांचवा कालखंड आया और उसके बाद छठा कालखंड मैं मानता हूं जो आने में करीब करीब लाखों वर्ष लग गए जब छोटी बड़ी मशीनों ने अपनी जगह बनाई आदमी ने मशीनों की खोज की.
सातवां कालखंड मानता हूं जब पूरा इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन हो गया पूरे देश में जो 16वीं शताब्दी से लेकर के इस बीच में शताब्दी के अंदर का यह जो कालखंड है अब और आठवां कालखंड में उसको मानता हूं जो जिस युग में हम जी रहे हैं जो AI का युग है जो स्टार्टअप युग है अब हमारे पास इतनी संभावनाएं हैं कि हजारों डॉट क्रिएट करके हम एक नई चीज बना देते हैं.
अमेरिकी कंपनियों के सीईओ हमारे इंडियन है
CMD उपेंद्र राय ने कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका के जो टॉप टेन कंपनी है उनके सीईओ हमारे इंडियन है, मैं तो अब यह देखता हूं कि हमारा यह फोन जो है एक बटन के रूप में कन्वर्ट हो जाएगा आगे आने वाले समय में एक छोटी सी हमारे हाथ में रहेगी जिसको चिप को हम जब चाहे लगाएंगे और हम वर्चुअल कहीं भी ऐसे अपना हाथ करेंगे वर्चुअल देख सकते हैं कि एलन मस्क का जो मोबाइल आ रहा है उसको कभी चार्ज करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी आपको कोई सिम कार्ड लेना ही नहीं पड़ेगा.
2050 तक ड्रोन, हाइड्रो टेक्नोलॉजी की सहायता से उड़ने वाली कार बनेगी. टीवी देखने के लिए हम सब सुविधा पर्थ हो गए है कि अब हथेली जितना हाथ में टीवी चाहिए. AI के बारे में आज गलत फहमी है कि नौकरियां चली जाएगी. लेकिन 85 हजार नौकरियां जायेगी तो 95 हजार नौकरी आएगी.