World Book Fair 2025: राजधानी दिल्ली स्थित ‘भारत मंडपम’ में आयोजित भारत एक्सप्रेस के ‘भारत लिटरेचर फेस्टिवल’ में आज बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी समेत कई गणमान्य हस्तियां पहुंचीं. जहां भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने अभिनेता पंकज त्रिपाठी को अपने लेखों के संस्करण ‘हस्तक्षेप’ और ‘नजरिया’ भेंट किए.
भारत लिटरेचर फेस्टिवल (BLF) की डायरेक्टर दिपाली वशिष्ठ ने पंकज त्रिपाठी को शॉल और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया. जिसके बाद मोटिवेशनल स्पीकर-स्क्रीन राइटर अक्षत गुप्ता और पंकज त्रिपाठी का साक्षात्कार हुआ. अक्षत गुप्ता से बातचीत में अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपने करियर से जुड़ी बातें बताईं.
सबसे पहले अक्षत गुप्ता ने उनसे पूछा कि दिल्ली पहुंचने का सफर कैसा रहा? तो पंकज त्रिपाठी बोले- “सफर थोड़ा थकाने वाला रहा, क्योंकि रात में सोया नहीं हूं. काम कर रहा था. और, फ्लाइट में मुझे नींद नहीं आती है, चूंकि मुझे डर लगता है. एक बार सो गया था तो 6 महीने के लिए बीमार हो गया था. आज यहां पहुंचने से पहले मैं 1 घंटे सोया. उसके बाद आपके पास पहुंचा हूं. खाने में खिचड़ी खाई थी.” यह सुनकर अक्षत गुप्ता ने केले मंगवाए. हालांकि, पंकज त्रिपाठी ने उनसे चॉकलेट खाने को ली.
अक्षत गुप्ता ने सवाल किया कि किताबों से कैसा नाता रहा है आपका बचपन से अब तक? पंकज त्रिपाठी ने जवाब देते हुए कहा- “किताबों से मेरा बहुत गहरा नाता रहा है. किताबों ने मेरे व्यक्तित्व, यानी जो मैं अब हूं, यहां तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई. पटना में किताबें बहुत बिकती हैं, क्योंकि वहां स्टूडेंट्स में पढ़ने का कल्चर है.”
पंकज त्रिपाठी का पूरा वक्तव्य आप यहां भारत एक्सप्रेस के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं..
अभिनय जगत में पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जो अपनी शानदार अभिनय क्षमता और विविध किरदारों के लिए जाने जाते हैं. उनके अभिनय की विशेषता उनकी नज़ाकत, सहजता, और दमदार संवाद अदायगी है. वे अपनी भूमिकाओं में वास्तविकता और गहराई ला पाते हैं, जिससे दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ते हैं. उनकी सादगी और मेहनत की वजह से पंकज त्रिपाठी को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक अहम स्थान प्राप्त है. वे लगातार अपनी अभिनय यात्रा में नए-नए आयाम जोड़ रहे हैं.
वर्ष 2012 में पंकज त्रिपाठी को फिल्म “गंगाजल” में एक छोटी सी भूमिका मिली थी, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म “फुकरे” (2013) में उनके किरदार “डॉली” से मिली. इसके बाद उन्होंने कई शानदार फिल्में कीं, जिनमें “काहानी”, “निल बटे सन्नाटा”, “मिर्जापुर” (टीवी शो), “लूडो”, “दबंग 3”, और “लक्ष्मी” जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया.
विश्व पुस्तक मेला (1 से 9 फरवरी)
राजधानी दिल्ली में शुरू हुआ विश्व पुस्तक मेला 1 फरवरी से 9 फरवरी तक चलेगा. इस पुस्तक मेले में देश—दुनिया के कई नामी प्रकाशकों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई हैं. आयोजकों की ओर से बताया गया है कि इस वर्ष के पुस्तक मेले का थीम ‘Republic@75’ है, जो भारत के राष्ट्र-निर्माण, शासन, स्वतंत्रता, समानता और सामाजिक न्याय के मार्ग को दर्शाता है. मेले में लोकतांत्रिक मूल्यों और भारतीय संविधान में निहित सिद्धांतों को प्रदर्शित किया गया है. यहां आने वाले विजिटर्स को देश के गणतंत्र के ढांचे और मौलिक अधिकारों के महत्व के बारे में गूढ़ जानकारी प्राप्त होगी.
हर साल आयोजित होने वाले पुस्तक मेले में देश के विभिन्न राज्यों से लोग बड़े उत्साह के साथ आते हैं और अपनी पसंदीदा पुस्तकें खरीदते हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने पुस्तक मेले के उद्घाटन के अवसर पर किताबों को पढ़ने की अहमियत पर बात की और लोगों को किताबें पढ़ने की आदत बनाए रखने पर जोर दिया.
राजधानी दिल्ली में भारत मंडपम में विश्व पुस्तक मेला लगा है. 1 से 9 फरवरी 2025 तक चलते वाले इस भव्य आयोजन में बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, प्रकाशक और फिल्ममेकर शरीक हो रहे हैं. किताबों के प्रेमी लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं.