CDS अनिल चौहान ने कहा- वास्तव में अपने समय का ‘ब्रह्मास्त्र’ है ब्रह्मोस

आत्मनिर्भर भारत का मतलब ये नहीं है कि हम भारत में सबकुछ बनाने जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत हम ज्वाइंट वेंचर बनाएंगे। ये बातें कही हैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS जनरल अनिल चौहान ने। CDS अनिल चौहान ने बुधवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उनहोंने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ ब्रह्मोस यूजर मीट 2023 में भाग लिया। 

CDS जनरल अनिल चौहान ने ब्रह्मोस यूजर मीट के दौरान कहा, आत्मनिर्भरता का मतलब ये नहीं है कि हम भारत में हर चीज का प्रोडक्शन करने जा रहे हैं। हम ज्वाइंट वेंचर बनाने जा रहे हैं और ब्रह्मोस एयरोस्पेस ऐसा ही एक वेंचर है। ब्रह्मोस की एक बड़ी सफलता की कहानी रही है। CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा, ब्रह्मोस वास्तव में अपने समय का ‘ब्रह्मास्त्र’ है।

ब्रह्मोस यूजर मीट के दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा, हमारी सबसे घातक एयर-कॉम्बैट एसेट में से एक के रूप में, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ने वास्तव में उस तरीके को प्रेरित किया है, जिससे हम आने वाले वर्षों में खुद को सटीक मारक क्षमता से लैस करेंगे। दुनिया भर में हो रहे युद्धों को देखते हुए सटीकता, लंबी दूरी के फायरपावर के महत्व को रेखांकित नहीं किया जा सकता है। 

इस दौरान वायु सेना प्रमुख ने सुखोई-30 पर ब्रह्मोस को लगाए जाने को लेकर कहा कि इससे हमारे फायरपावर में जबरदस्त शक्ति मिली है। CAS ने कहा कि सुखोई SU-30 पर ब्रह्मोस के कॉम्बिनेशन ने वास्तव में हमें जबरदस्त क्षमता दी है, जिसने हमारी फायरपावर को बढ़ाया है। इसने भारतीय वायुसेना के डिटरेंस वैल्यू को कई गुना बढ़ा दिया है।

इसके साथ ही सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, आज देश परिवर्तनकारी बदलावों के मुहाने पर खड़ा है। हम अंतर्राष्ट्रीय इन्वायरमेंट में अपने देश के बढ़ते कद और वर्ल्ड कम्युनिटी से हाई एक्सपेक्टेशन के साक्षी हैं। अनसुलझी सीमाओं और संबंधित सुरक्षा चुनौतियों के हमारे विरासत के मुद्दों के कारण, हमारे कब्जे में हमारे मामले में रणनीतिक डिटरेंस साधन जरूरी हैं।

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