‘मौका-मौका, हर बार धोखा’ नाम से कांग्रेस ने जारी किया श्वेत पत्र, BJP और AAP सरकार को कई मुद्दों पर घेरा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
New Delhi: आगामी दिल्ली चुनाव को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी पारा चरम पर है. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो गई है. इसी बीच कांग्रेस ने बुधवार, 25 दिसम्बर को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरने के लिए एक बुकलेट जारी की, जिसे “श्वेत पत्र” के रूप में प्रस्तुत किया गया. इस बुकलेट का शीर्षक था, “मौका मौका, हर बार धोखा”.
इस दौरान, दिल्ली कांग्रेस ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए दोनों पर कुप्रबंधन और वादाखिलाफी का आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा, पिछले एक दशक से केंद्र और दिल्ली में सत्ता में रहीं इन दोनों पार्टियों ने जनता की उम्मीदों को तोड़ा है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “पिछले 11 सालों से आप ने दिल्ली में शासन किया है और बीजेपी पिछले 10 सालों से केंद्र में है. दिल्ली की जनता ने इन सरकारों से बड़ी उम्मीदें लगाई थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ खोखले वादे और निराशा मिली है.”
भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच मिलीभगत
इस बुकलेट में भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच मिलीभगत, बुनियादी ढांचे के रुके हुए काम, सांप्रदायिक तनाव, पिछड़े वर्गों के अधिकार, और सफाई कर्मचारियों, ई-रिक्शा चालकों और गिग वर्कर्स की दुर्दशा जैसे आठ प्रमुख मुद्दे उजागर किए गए.
अजय माकन का केजरीवाल पर हमला
वहीँ, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, कोविड-19 के दौरान जब लोग मर रहे थे, तब आप सरकार ने ‘शीश महल’ बनाने में पैसे खर्च किए. यह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर किए गए भव्य खर्च की ओर इशारा था. अजय माकन ने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने भी ऐसा ही किया और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर पैसा बहाया.” माकन, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का हमेशा विरोध किया है, ने इसे एक भूल बताया. उन्होंने कहा, “मुझे कभी भरोसा नहीं था कि केजरीवाल पर विश्वास किया जा सकता है. उनकी कोई विचारधारा नहीं है और वे अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए कुछ भी कर सकते हैं.”
उन्होंने बताया, दिल्ली में 14 अस्पतालों का निर्माण करने के लिए 10,250 करोड़ रुपये चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य बजट में केवल 372 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है. इस गति से इन अस्पतालों को चालू होने में 30 साल लगेंगे. माकन ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की 56,000 से अधिक सीटें शिक्षकों और जरूरी स्टाफ की कमी के कारण खाली हैं.
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