Defense Production in India: केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादों को लेकर ताजा जानकारी साझा की है. पिछले वित्त वर्ष वित्त वर्ष (FY 2023-24) में रक्षा उत्पादन का सालाना रिकॉर्ड लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. रक्षा उत्पाद में पिछले वर्ष के मुकाबले 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं 2019-20 से 60 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार देश को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 32.5 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है जब यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये था.
स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों और पहलों के सफल कार्यान्वयन के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मूल्य के संदर्भ में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक बढ़ोत्तरी हासिल की है, जिसका मकसद ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करना है.
The Make in India programme is crossing new milestones, year after year, under the leadership of PM Shri @narendramodi.
India has registered the highest ever growth in the value of defence production in 2023-24. The value of production has reached to Rs. 1,26,887 crore in…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 5, 2024
रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा सामानों का निर्माण करने वाले दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों और प्राइवेट कंपनियों से हासिल आंकड़ों के अनुसार, देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह पिछले वित्त वर्ष के रक्षा उत्पादन के मुकाबले 16.7 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है. FY 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था.
नए मील के पत्थर पार कर रहा मेक इन इंडिया
एक्स पर एक पोस्ट के जरिये उपलब्धि को स्वीकार करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम साल दर साल नए मील के पत्थर पार कर रहा है. उन्होंने भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार के अटूट संकल्प को आवाज़ दी. पिछले वित्त वर्ष में उत्पादन के कुल मूल्य (वीओपी) में से लगभग 79.2 प्रतिशत डीपीएसयू/अन्य सार्वजनिक उपक्रम और 20.8 प्रतिशत प्राइवेट क्षेत्र ने योगदान दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, निरपेक्ष मूल्य के संदर्भ में, डीपीएसयू/पीएसयू और प्राइवेट क्षेत्र दोनों ने रक्षा उत्पादन में लगातार ग्रोथ की है.
आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादन को ऑल टाइम हाई पर ले जाने के लिए डीपीएसयू, रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले अन्य पीएसयू और निजी उद्योग को बधाई दी. पिछले 10 सालों में सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाए गए नीतिगत सुधारों/पहलों और व्यापार करने में आसानी के कारण यह उपलब्धि हासिल हुई है.
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