जरूरत पड़ने पर कड़ा जवाब देने में भी सक्षम है भारत: आर्मी चीफ मनोज पांडे

नई दिल्ली। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे (Manoj Pandey) ने कहा, भारत न केवल प्रतिरोध के लिए, बल्कि जरूरत पड़ने पर कड़ा जवाब देने में भी सक्षम है। सेना प्रमुख ने बुधवार को ब्रह्मोस यूजर मीट-2023 में ये बात कही। इस दौरान उनके साथ भारतीय वायु सेना प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आज देश परिवर्तनकारी परिवर्तनों के मुहाने पर है,

हम अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में अपने देश के बढ़ते कद और विश्व समुदाय से उच्च उम्मीदों के साक्षी हैं। हमारी ग्रोथ और विकास और हमारे लोगों की बढ़ती आकांक्षाएं, सभी एक उभरते हुए राष्ट्र के आत्मविश्वासपूर्ण आशावाद को दर्शाती हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि हमारी अस्थिर सीमाओं और इससे संबंधित सुरक्षा चुनौतियों के मुद्दों की वजह से हमारे मामले में रणनीतिक निवारक उपकरणों का होना जरूरी है।

आर्मी चीफ ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल सिस्‍टल के उपयोगकर्ताओं के रूप में रक्षाबलों की तीनों सेवाएं अब न केवल प्रतिरोध करने में सक्षम हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर मजबूती से जवाब देने में भी सक्षम हैं। वहीं वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा,

“हमारी सबसे घातक वायु-लड़ाकू संपत्तियों में से एक के रूप में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ने वास्तव में उस तरीके को प्रेरित किया है, जिस तरह से हम आने वाले वर्षों में खुद को सटीक मारक क्षमता से लैस करेंगे। दुनिया भर में हो रहे संघर्षों को देखते हुए सटीक, लंबी दूरी का महत्व मारक क्षमता को रेखांकित नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा, ब्रह्मोस मिसाइल ने भारतीय वायुसेना के प्रतिरोधक मूल्य को कई गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि सुखोई एसयू-30 पर ब्रह्मोस के संयोजन ने वास्तव में हमें जबरदस्त क्षमता दी है, जिसने हमारी मारक क्षमता को बढ़ाया है। इसने भारतीय वायुसेना के प्रतिरोधक मूल्य को कई गुना बढ़ा दिया है।

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