काव्यांजलि: महाकवि नीरज सम्मान-2024 में बोले अन्नू कपूर- आज के संगीतकार साउंड रिकॉर्डिस्ट हैं…

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कवि, गीतकार और लेखक गोपाल दास ‘नीरज’ की छठी पुण्यतिथि के मौके पर बीते दिन (19 जुलाई) को राजधानी दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें फिल्म, राजनीति, खेल, मीडिया और उद्योग जगत की तमाम हस्तियां मौजूद रहीं. भारत एक्सप्रेस क सीएमडी और महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक उपेन्द्र राय ने फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर को स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.

इस दौरान अन्नू कपूर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों का अभिनंदन किया. अन्नू कपूर ने कहा, “आज इस पवित्र पावन संध्या 19 जुलाई को हम यहां पर साक्षी हैं महाकवि नीरज सम्मान 2024 को जिस विभूति ने गौरवान्वित किया है वो हैं जावेद अख्तर साहब.” उन्होंने कहा कि हम फिल्म के लोग हैं और ये हमारी रोजी-रोटी है. हम कला का काम करते हैं स्मगलिंग का नहीं.”

हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी…गाने का जिक्र

अन्नू कपूर ने कहा कि पिछले 19 साल में केवल एक ऐसा गीत है जिसे सही-सही कोई भी गा सकता है और वो गीत जावेद अख्तर साहब ने लिखा है. वो गीत है ‘हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी, छांव है कभी, कभी है धूप जिंदगी.

“साउंड रिकॉर्डिस्ट हैं, म्यूजिक कंपोजर नहीं”

उन्होंने आगे कहा कि उस सरलता के अंदर जो दर्शन की मीमांसा छिपी है, वही इस गीत में है. जो हमारे लिए गर्व की बात है. लेकिन आज तथाकथित संगीतकार लाखों-करोड़ों रुपये लेते हैं, जिन्हें न मीटर की सेंस है, न स्कैनिंग की तमीज है, वो सिर्फ साउंड रिकॉर्डिस्ट हैं, म्यूजिक कंपोजर नहीं. इसलिए उन्हें दो लोगों का धन्यवाद करना चाहिए जिसमें एक जावेद अख्तर का नाम है. इसके साथ ही जिन महान विभूति (महाकवि गोपालदास नीरज) की याद में ये समारोह हो रहा है. उनका भी धन्यवाद ऐसे म्यूजिकल कंपोजर को करना चाहिए.

गोपालदास नीरज की पंक्तियां सुनाईं

इसके साथ ही अन्नू कपूर ने गोपालदास नीरज की चंद पंक्तियों को सुनाते हुए अपना संबोधन समाप्त किया. ये लाइनें हैं- ये प्यासों की प्रेमसभा है, यहां संभलकर आना जी…जो भी आए यहां किसी का हो जाए दीवाना जी..ऐसा बरसे रंग यहां पर, जनम-जनम तक मन भीगे…फागुन बिना चुनरिया भीगे…सावन बिना भवन भीगे…और ऐसी बारिश होय यहां पर बचे न कोई ठिकाना जी….यहां न झगड़ा जात-पात का और न टंटा मजहब का…एक सभी की प्यास यहां पर, एक ही बस प्याला सबका…यहां पिया से मिलना हो तो परदे सभी हटाना जी…जो भी आए यहां किसी का हो जाए दीवाना जी.

गोपालदास ट्रस्ट के संरक्षक हैं CMD उपेंद्र राय

बता दें कि ‘नीरज सम्मान समारोह’ का आयोजन भारत एक्‍सप्रेस के चेयरमैन, एमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय और गोपाल दास नीरज के पुत्र मृगांक प्रभाकर की ओर से किया गया. कार्यक्रम के आयोजन में प्रेस क्लब के अलावा हिंदी अकादमी और महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट भी शामिल था. सीएमडी उपेंद्र राय इस ट्रस्ट के संरक्षक हैं.

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