क्या है पायलट कट टेक्निक, जो रोकेगी यमुना की बाढ़? जानिए

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pilot Cut Technique: मानसून से पहले राजधानी दिल्ली में बाढ़ को रोकने का प्लान बना लिया गया है. दिल्‍ली में यमुना की बाढ़ को रोकने के लिए पायलट कट एक्सपेरिमेंट किया गया है. दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज के अनुसार, इस साल यमुना में बाढ़ नहीं आएगी क्योंकि नदी को अपने प्रवाह के लिए एक साफ कृत्रिम चैनल मिलेगा.

उन्होंने आईटीओ के पास यमुना बैराज का निरीक्षण के दौरान कहा कि पिछले साल, बैराज के वजह से यमुना में भारी बाढ़ आ गई थी, जिससे जलभराव की स्थिति हो गई थी. आसपास रहने वाले निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा था. इस साल पायलट कट टेक्‍नीक से बाढ़ को रोकने का काम किया जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं, क्या है पायलट कट टेक्निक और यह कैसे बाढ़ को रोकेगी?

यमुना में क्यों आती है बाढ़?

पायलट कट टेक्निक को समझने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि दिल्ली में बाढ़ क्यों आती है? बता दें कि दिल्ली में बाढ़ आने की कई कारण हैं. पहला हरियाणा-यूपी पर स्थित हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जानेवाला पानी यमुद्र के जलस्तर को इतना बढ़ा देता है कि बाढ़ की स्थिति बन जाती है. दूसरा कारण, यमुना में आने वाली बाढ़ की वजह नदी पर बने पुलों को भी बताया जाता है. यह पानी के फ्लो को प्रभावित करते हैं. वहीं तीसरा कारण, मूसलाधार बारिश के बाद नदी का जलस्तर इतना बढ़ जाता है कि बाढ़ के हालात बन जाते हैं.

क्या है पायलट कट टेक्निक?

पायलट कट तकनीक से पानी के दबाव को कम करने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए बैराज के सामने जमी मिट्टी से दूर तक छोटी-छोटी नहरें खोदी जाएंगी. इस तरह यमुना के पास पानी निकलने के आर्टिफिशियल चैनल बनाए जाएंगे. इस दौरान मिट्टी के छोटे-छोटे टापू बन जाते हैं.

बारिश के दौरान जब हरियाणा से पानी छोड़ा जाता है तो ये कृत्रिम चैनल के जरिए बंट जाता है. पानी का बहाव इनसे गुजरते हुए आगे बढ़ता है. यहां पर बने मिट्टी के छोटे-छोटे टापू और आर्टिफिशियल चैनल से पानी जमा नहीं होता और न ही अधिक दबाव पैदा करता है. इस तरह पानी बंटते हुए बहता है. बाढ़ को रोकने का यह तरीका सुनिश्चित करता है कि यमुना में पानी जमा होने की कोई आशंका न हो, जिससे लगातार पानी का बहाव बना रहे और बाढ़ आने की किसी भी तरह के हालातों को पहले ही रोका जा सके.

बता दें कि पिछले साल यमुना में बाढ़ आ गई थी. यमुना का पानी सड़कों तक आ पहुंचा  था. कई इलाकों में तो नाव भी चली थीं. इस बार ऐसी स्थिति न हो इसलिए पहले से ही तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें :- अमेरिका ने लाल सागर पर डेरा डाले हुती विद्राहियों पर किया बड़ा हमला, मची तबाही

 

 

More Articles Like This

Exit mobile version