दिल्ली की हवा में घुला जहरः केंद्र से आतिशी सरकार ने की कृत्रिम बारिश की मांग

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Artifical Rain Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा में जहर घुल गया है. बिगड़ते प्रदूषण को देखते हुए एक बार फिर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) करवाने की मांग की है. इसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. कृत्रिम बारिश के मुद्दे को लेकर सभी जरूरी विभागों के साथ बैठक बुलाने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मदद मांगी गई है.

कृत्रिम बारिश करवाना बहोत जरूरीः गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में बिगड़ते स्तर को देखते हुए इस इमरजेंसी स्थिति में कृत्रिम बारिश करवाना बहोत जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत में स्मॉग की चादर तनी हुई है. PM 10 और PM 2.5 वायुमंडल में है और लोगों के जीवन पर संकट गहरा हो गया है. दिल्ली और दिल्ली के चारों तरफ ग्रैप-4 के नियम लागू हैं.

वहीं, प्रेस कांफ्रेंस करते हुए गोपाल राय ने कहा, “व्हीकल प्रदूषण कम करने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. कल से हमने कई एक्सपर्ट्स से बात की कि स्मॉग की चादर को कैसे तोड़ा जा सकता है. अब वो समय आ गया है कि दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन कराई जाए. तत्काल मीटिंग बुलाई जाए, जिसमें IIT के एक्सपर्ट, दिल्ली सरकार और परमिशन के लिए जरूरी विभाग जैसे DGCA आदि को बुलाया जाए.”

मंत्री ने कहा, ‘पिछले वर्ष इमरजेंसी सिचुएशन में हमने IIT के एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की थी. उन्होंने आर्टिफिशियल रेन को लेकर प्रेजेंटेशन दिया था. तब समय कम था, इसलिए इस साल हमने अगस्त से ही इसकी तैयारी शुरू की. अगस्त और अक्टूबर में हमने केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिखी. अक्टूबर में जब ऑनलाइन मीटिंग हुई थी, तब भी मैंने गुहार लगाई थी, लेकिन इसके लिए मीटिंग नहीं हुई.’

मंत्री गोपाल राय ने कहा, “आज मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है. दो ही उपाय हैं कि या तो तेज हवा चले या बारिश हो. दुनिया के कई देशों में आर्टिफिशियल रेन कराए जाते हैं. आज दुःख है कि केंद्र में ऐसी सरकार है, जिसके पर्यावरण मंत्री को एक मीटिंग बुलाने की फुर्सत नहीं है. आर्टिफिशियल रेन होगा या नहीं, केंद्र सरकार परमिशन देगी या नहीं यह तो मीटिंग के बाद तय होगा, लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को मीटिंग बुलाने का समय नहीं है. विदेश के किसी मंत्री को इतनी चिट्ठी लिखी होती तो वे भी मीटिंग बुला चुके होते.”

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