Telangana Forest: चेहरे पर उदासी, आंखों में आंसू, तेलंगाना के जंगल को बचाने के लिए दिल्ली में लगे ‘हिरण वाले पोस्टर’

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Telangana Forest: तेलंगाना के (Telangana Forest) सीएम रेवंत रेड्डी के ड्रीम प्रोजेक्ट के आड़े आ रहे कांचा गचीबावली जंगल (Kancha Gachibowli) को साफ करने को लेकर विवाद गहरा गया है. 400 एकड़ जमीन को लेकर तेलंगाना में बवाल मचा है तो अब उसकी आंच दिल्ली भी पहुंच गई है. यहां शनिवार तड़के से ही विभिन्न स्थलों पर एक होर्डिंग दिख रहा है जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से जंगल बचाने की अपील की गई है.

राष्ट्रीय राजधानी में लगाए गए होर्डिंग्स

यह अपील भाजपा की ओर से की गई है. भाजपा नेता तजिंदर बग्गा ने राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर होर्डिंग्स लगवाए हैं. इस पर एक उदास हिरण की छवि है जिसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं. होर्डिंग्स पर लिखा है, “राहुल गांधी जी कृपया तेलंगाना में हमारे जंगलों को काटना बंद करें.”

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है, जिसमें कोर्ट ने 3 अप्रैल के अपने आदेश में इस पर रोक लगाने को कहा. हालांकि सरकार इसे विकास के लिए जरूरी मान रही है. सरकार इस जमीन को आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए इस्तेमाल करना चाहती है, वहीं पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि इससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान होगा. कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया है और पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है.

पेड़ काटे जाने के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता इस जमीन पर पेड़ काटे जाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि यह जंगल विश्वविद्यालय से लगा हुआ है और इसके कटने से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि इलाके की जैव विविधता भी प्रभावित होगी. कई रिपोर्ट्स में इस इलाके में झीलों और खास तरह की चट्टानों के नुकसान की बात भी कही गई है.

अवैध पेड़ कटाई पर कानूनी कार्रवाई

दूसरी ओर तेलंगाना सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह जमीन पूरी तरह सरकारी है. इसे 2004 में ही राज्य सरकार को सौंप दिया गया था. सरकार ने बताया कि 2004 में यह जमीन आईएमजी अकादमी भारत प्राइवेट लिमिटेड को खेल सुविधाओं के विकास के लिए दी गई थी. 2006 में आईएमजी अकादमी ने प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया, जिसके बाद सरकार ने जमीन वापस ले लिया था.

अब इस मामले में केंद्र की भी एंट्री हुई है. केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि अवैध पेड़ कटाई पर कानूनी कार्रवाई की जाए साथ ही यह भी कहा गया कि पर्यावरण कानूनों और कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाए. इसके अलावा केंद्र सरकार को तत्काल एक रिपोर्ट भेजी जाए.

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