नई दिल्लीः अगले 4 साल तक देश की गरीब जनता को मुफ्त अनाज मिलता रहेगा. प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मुफ्त अनाज वितरण को 4 वर्ष तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार अब 2028 तक गरीबों को मुफ्त अनाज देगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके अलावा कई अन्य योजनाओं पर भी मुहर लगाई है.
मोदी सरकार ने कई योजनाओं को दी हरी झंडी
मोदी सरकार ने बुधवार को कई योजनाओं को हरी झंडी दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने पर मुहर लगा दी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पहल का मकसद विकास और पोषण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि इसका पूरा खर्च करीब 17,082 करोड़ रुपये आएगा, जिसे केंद्र सरकार उठाएगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिड-डे-मील, मुफ्त राशन, योजना, पीएम पोषण योजना जैसी सभी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है.
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने अप्रैल 2022 में चावल फोर्टिफिकेशन पहल को मार्च 2024 तक पूरे देश में लागू करने का फैसला किया था. यह काम चरणबद्ध तरीके से होना था. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अभी तक यह तीन चरणों में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है. उन्होंने दावा किया कि गरीबों को मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति से एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की समस्या दूर होगी.
सड़क प्रोजेक्ट को भी मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में सड़क परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन क्षेत्रों में 2,280 किमी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए कुल 4,406 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
साथ ही, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दे दी है. दो चरणों में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसका मकसद समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना और दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत परिसर बनाना है.