Pakistan: पाकिस्तान में गहराया आर्थिक संकट, उधार से चल रहा लोगों का घर

Ved Prakash Sharma
Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan: पाकिस्तान में लगातार आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तान की खुद को बड़ी ताकत समझने की खुशफहमी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अभी भी पाकिस्तान भारत में घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है और वहीं इस्राइल के खिलाफ ईरान को सैन्य मदद देने पर भी विचार कर रहा है. पाकिस्तान खुद को अरब दुनिया का रहनुमा समझता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अरब देशों के सामने भीख के लिए हाथ फैलाने में भी उसे शर्म नहीं है. अब एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है और वह कंगाली के कगार पर पहुंच चुका है.

70 प्रतिशत से अधिक लोगों को घर चलाने में हो रही मुश्किल
पाकिस्तान में हुए एक ताजा आर्थिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. हालात ये हैं कि देश के 74 प्रतिशत लोग अपने मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं. पिछले वर्ष के मुकाबले ये 14 प्रतिशत ज्यादा है. पाकिस्तान में आम जनता को अपने खर्चे पूरे करने के लिए या तो उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है या फिर वे पार्ट टाइम नौकरी करने को विवश हो रहे हैं. सरकार ने एक आर्थिक योजना तैयार की है, लेकिन बढ़ता कर्ज पाकिस्तान का माथे पर बल डाल रहा है.

40 प्रतिशत लोगों को से चलाना पड़ रहा है घर का खर्च
पाकिस्तान के 11 बड़े शहरों में हजारों लोगों पर जुलाई और अगस्त महीने में एक सर्वे किया गया था. इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि मई 2023 में जहां 60 फीसदी लोगों को अपने घरेलू खर्च चलाने में परेशानी हो रही थी, अब उनकी संख्या बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है. 60 प्रतिशत लोगों को अपने घरेलू खर्चों में कटौती करनी पड़ी है. वहीं, 40 प्रतिशत लोग उधार लेकर अपना परिवार चला रहे हैं. 10 प्रतिशत लोगों ने अपने खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम नौकरी करना शुरू कर दिया है.

पाकिस्तान के 56 प्रतिशत लोग कोई बचत नहीं कर पा रहे हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की माली हालत कैसी है. पाकिस्तान के लोगों की खर्च की क्षमता में आई कमी, महंगाई के असर को लेकर भी एक सर्वे किया जा रहा है. हालात को देखते हुए उसमें भी चौंकाने वाले आंकड़े आने की उम्मीद है. शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार अब संघीय बजट में राज्यों की हिस्सेदारी को 39.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.7 प्रतिशत करने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तान ने बीते वित्तीय वर्ष में खूब कर्ज लिया है और पाकिस्तान का कर्ज 79,731 अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है. पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ भी 7 अरब डॉलर की नई डील की है.

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