Pakistan: अफगान तालिबान से अच्छे संबंध नहीं रख पा रहा है. पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान में अपने विशेष प्रतिनिधि आसिफ दुर्रानी को हटा दिया. मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को बताया कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पाकिस्तान ने यह फैसला लिया. एक आधिकारिक सूचना के मुताबिक, 10 सितंबर को अफगानिस्तान में प्रबंधन पद पर विशेष प्रतिनिधि के तौर पर तैनात दुर्रानी को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया. इस कदम पर कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, पिछले वर्ष मई महीने में दुर्रानी को इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों पर प्रभाव डालने में विफल रहे. यह भी कहा गया कि काबुल ने दुर्रानी को स्वीकार नहीं किया था, क्योंकि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के साथ उनका संपर्क बहुत कम था. पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि देश की सेना दुर्रानी के प्रदर्शन से नाखुश थी. दुर्रानी भी नाराज थे, क्योंकि नीतिगत सलाह को नजरअंदाज किया जा रहा था. उन्होंने एक संदेश में अपने प्रस्थान की पुष्टि की. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की सेवा करने का मौका देने के लिए सरकार का आभार जताया.
मालूम हो कि अमेरिका-तालिबान दोहा समझौता के बाद अफगानिस्तान के लिए विशेष राजदूत का पद जून 2020 में बनाया गया था. यह तालिबान और अफगानिस्तान में अन्य देशों के साथ जुड़ा हुआ है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध है. इस तनावपूर्ण संबंध के कारण प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किए जाने वाले हमले और दोनों देशों की सीमा को लेकर झड़प है. 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं में वृद्धि हुई है. दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का कारण प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी को माना जाता है.