South Africa: भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीका के पूर्व मंत्री और रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता प्रवीण गोर्धन का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. प्रवीण गोर्धन के परिवार ने बताया कि वे बीते कुछ समय से वह कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे थे और इलाज के दौरान जॉहानेसबर्ग के अस्पताल में शुक्रवार को उनक निधन हो गया. गोर्धन वर्ष 1994 से दक्षिण अफ़्रीकी राजनीति में सक्रिय थे. चार महीने पहले ही उन्होंने घोषणा की थी कि वे अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने के लिए सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहे हैं.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने जताया दुख
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने प्रवीण गोर्धन के निधन पर दुख जताते हुए उन्हे एक उत्कृष्ट नेता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बताया. रामफोसा ने गोर्धन की पत्नी वनिता राजू, बेटियों अनीशा और प्रियेशा के सामने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमने एक उत्कृष्ट नेता खो दिया है, जिनका विनम्र व्यक्तित्व बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और ऊर्जा की गहराई को दर्शाता है, उन्होंने अपनी सक्रियता, एक सांसद के रूप में अपने कर्तव्य और कैबिनेट के सदस्य के रूप में अपनी भूमिकाएं निभाईं.’
वित्त मंत्री के रूप में किया काम
वर्ष 2010 में गोर्धन को तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था, जो प्रवासी भारतीयों के लिए भारत का सर्वोच्च सम्मान है. प्रवीण गोर्धन ने वर्ष 2009 से 2014 तक और फिर 2015 से 2017 तक दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री के रूप में काम किया. उन्होंने 2014 से 2015 तक सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उनका अंतिम सार्वजनिक पद उद्यम मंत्री के रूप में था. वर्ष 1999 से एक दशक तक दक्षिण अफ्रीकी राजस्व सेवाओं के आयुक्त के रूप में गोर्धन ने दक्षिण अफ्रीका की कर संग्रह एजेंसी को विश्व स्तरीय सेवा के रूप में विकसित कर वैश्विक मान्यता दिलाई. वह वर्ष 2000 से 2006 तक विश्व सीमा शुल्क संगठन के अध्यक्ष भी रहे.