Chhattisgarh Coal Scam: गुरुवार (14 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा की अधिकारी (अब निलंबित) चौरसिया कोयला घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज करने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 23 जून के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी. निलंबित सिविल सेवक अब 1 साल से अधिक समय से जेल में है. एससी ने चौरसिया को जमानत देने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, यह देखते हुए कि उनकी विशेष अनुमति याचिका में गलत दलीलें दी गईं, पीठ ने एक लाख का असाधारण जुर्माना भी लगाया.
1 लाख रुपये का लगाया जुर्माना
सौम्या चौरसिया को जमानत देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका में गलत दलीलें देने को लेकर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा, “यह नहीं कहा जा सकता है कि पूर्ण खुलासे किए जाने चाहिए और विशेष रूप से नामित और सीनियर वकील से कुछ हद तक व्यावसायिकता की अपेक्षा की जाती है. गुण-दोष के आधार पर भी हमें कुछ नहीं मिला. विशेष अनुमति वाली याचिका में गलत तथ्य बताए गए, इसलिए हमने एक लाख का जुर्माना सहित अपील खारिज कर दी.”
ये है पूरा मामला
बता दें, ये मामला छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों से जुड़ा हुआ है. जिसमें कोयला ट्रांसपोर्ट करने वाले कोयला खनन ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली और अवैध लेवी वसूली के आरोप लगे थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच में पाया कि इस मामले में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. जिसमें प्रति टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध उगाही की गई, जो 16 माह में कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा करते हुए ये भी कहा था कि इस उगाही के पैसे का इस्तेमाल चुनावी फंडिंग और रिश्वत के लिए किया जा रहा था.
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