वाशिंगटन: अवैध निर्वासन के कदमों के बीच अमेरिका ने एक और बड़ा फैसला लेकर दुनिया भर में खलबली मचा दी है. अमेरिका ने अपने यहां विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है. इससे अमेरिका में पढ़ने वाले और वहां प्रवेश लेने की इच्छुक तमाम छात्रों के बेचैनी बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के गृह मंत्रालय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को चेतावनी दी है कि अगर वह अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा धारकों की “अवैध और हिंसक” गतिविधियों के बारे में 30 अप्रैल तक रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में विफल रहता है तो विदेशी छात्रों को दाखिला देने की विश्वविद्यालय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाएगी.
इसके साथ ही अमेरिकी मंत्रालय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दिए गए 27 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक के अनुदान को भी रद्द कर दिया है. हार्वर्ड के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की यह ताजा कार्रवाई 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर के संघीय वित्त पोषण पर रोक लगाने के बाद की गई है, क्योंकि विश्वविद्यालय ने प्रशासन की मांगों की एक सूची को अस्वीकार कर दिया था. प्रशासन ने विश्वविद्यालय की “कट्टरपंथी विचारधारा” के कारण उसके कर-मुक्त दर्जे को रद्द करने का भी प्रस्ताव रखा है.
विदेशी छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाने की चेतावनी के साथ ही साथ ही अमेरिकी “गृह मंत्री क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले कुल 27 लाख डॉलर के दो अनुदानों को रद्द करने की घोषणा की है.” इससे छात्रों से लेकर कालेजों के बयान में कहा गया है, “मंत्री ने एक पत्र भी लिखा है, जिसमें 30 अप्रैल, 2025 तक हार्वर्ड के विदेशी छात्र वीजा धारकों की अवैध और हिंसक गतिविधियों के बारे में विस्तृत रिकॉर्ड मांगा गया है.” बयान में कहा गया है कि रिकॉर्ड उपलब्ध न कराए जाने पर विदेशी छात्रों को दाखिला देने की विश्वविद्यालय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाएगी.