UN: यूएन में बोलीं रुचिरा कंबोज, वैश्विक सुरक्षा और विकास में अफ्रीका की भूमिका मजबूत करना चाहता है भारत

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

UN: भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक सुरक्षा और विकास चुनौतियों का समाधान करने में अफ्रीकी राज्यों की भूमिका को मजबूत करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की बात की.

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रख-रखाव पर बात करते हुए रुचिरा कंबोज ने भारत और अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक संबंधो और साझा एकजुटता में निहित दीर्घकालिक मित्रता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि वैश्विक व्यवस्था में सच्ची बहुध्रुवीयता के लिए अफ्रीका का उदय आवश्यक है. उन्होंने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय तरह से अफ्रीका की प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विकास के बिना कोई शांति नहीं हो सकती.

इस दौरान रुचिरा कंबोज ने वैश्विव सुरक्षा और विकास में अफ्रीका की भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए भारत के समर्पण की पुष्टि भी की. राष्ट्रों की समिति से अफ्रीकी सदस्य राज्यों को उचित सम्मान देने और शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य के लिए उनके प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया.

रुचिरा कंबोज ने अफ्रीकी देशो को स्थायी प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अफ्रीकी क्षेत्र में आंतकवाद से निपटने की तत्काल आवश्यकता है.

कंबोज ने कहा कि सदस्यता की स्थायी श्रेणी में प्रतिनिधित्व से लगातार इंकार परिषद की सामूहिक विश्वसनीयता पर एक धब्बा है. उन्होंने विस्तारित परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने 2023 में अपनी अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने के लिए भारत के सफल अभियान का उल्लेख किया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे आगामी शिखर सम्मेलन को मौजूदा बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार और अफ्रीकी आवाजों को बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के अवसर के रूप मे लें.

एजुल्विनी सर्वसम्मति और खोज घोषणा के लिए भारत के समर्थन पर प्रकाश डालते हुए अफ्रीकी प्रतिनिधित्व देने में देरी करने वालो से जवाब मांगने के लिए कहा. यह भी कहा कि ऐतिहासिक अन्याय को संबोधित किया जाना चाहिए.
रुचिरा ने कहा कि शांति अभियानों और विशेष राजनीतिक मिशनों को पर्याप्त रूप से अधिकृत और संसाधनयुक्त करने की आवश्यकता है. उन्होंने शांति अभियानों के लिए स्पष्ट निकाय रणनीतियों और अफ्रीकी मामलों में बाहरी हस्तक्षेपों की रोकथाम के महत्व पर जोर दिया.

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