Ayodhya: राम मंदिर में होंगे कुल 44 द्वार, 18 दरवाजे, 14 स्वर्णजड़ित, मगर एंट्री गेट सिर्फ एक, जानें मंदिर के बारे में सबकुछ

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ayodhya: अयोध्या में एक विशाल परियोजना तैयार हो रही है- विशाल राम मंदिर का निर्माण जो 70. 5 एकड़ में फैला है. 44 द्वार के होने से मंदिर की भव्यता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है इनमे से कुछ प्रवेश द्वार स्वर्ण दरवाज़ों से सुशोभित है जो सम्पूर्ण वास्तुशिल्प चमत्कार का स्पर्श जोड़ते है. आकर्षण को और बढ़ाते हुए , स्टोर के चार दरवाज़ों पर चमकदार फिनिश है जो मंदिर के शानदार डिज़ाइन में योगदान देता है.

तीन मार्गो का अनावरण
राम मंदिर की यात्रा सिर्फ मंज़िल के बारे में नहीं है, बल्कि उन रास्तो के बारे में है, जो उन तक पहुँचते है परियोजना इंजीनियरों का कहना है, ज़मीनी स्तर के दरवाज़े हैदराबाद स्थित एक कंपनी द्वारा एक लकड़ी से सावधानीपूर्वक तैयार किये गए है. तीर्थयात्रियों की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए तीन अलग अलग पथ बनाये जा रहे है – राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ. प्रत्येक पथ भक्ति और आध्यात्मिकता की कहानी बुनता हुआ अपना अलग महत्त्व रखता है.

एक ही प्रवेश द्वार
मंदिर की भव्यता के बावजूत सभी तीर्थयात्री एक ही प्रवेश द्वार से एकत्रित होंगे, इस तरह का डिज़ाइन न केवल एक भव्य प्रवेश द्वार सुनिश्चित करता है बल्कि भक्तों के लिए एकीकृत और सुव्यव्यस्थित अनुभव भी सुनिश्चित करता है. इसके अलावा भव्यता पर ध्यान देते हुए सुग्रीव किला गेट दो के बगल में एक सुविधा केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इस केंद्र का उद्देश्य समग्र तीर्थयात्रा अनुभव को बढ़ाना है, जिससे भक्तों को ज़रूरी सुविधा मिल सके.

सैंडस्टोन पत्थर के होंगे फर्श
राममंदिर की तीर्थ यात्रा में सबसे पहले सुग्रीव किले तक पहुंचना शामिल है, जिसके द्वार रणनीतिक रूप से बिड़ला धर्मशाला के पास रखे गए है. 35 फ़ीट ऊंचे ये द्वार तीर्थयात्रियों को मंदिर की सीमा से 600 मीटर पहले ही बुला लेते है. इन द्वारों के पीछे सैंडस्टोन पत्थर से बनी और कैनोपी से सजी एक अच्छी तरह से तैयार की गयी 75 फुट चौड़ी सड़क जाती है.

सहजता और सौंदर्यशास्त्र के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया यह मार्ग राम मंदिर की ओर आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है. सैंडस्टोन पत्थर के फर्श और नौ छतरियों से सुसज्जित पथ एक सुविधा केंद्र की ओर जाता है, जो 16 काउंटरों वाले बैग स्कैनर से सुसज्जित है. भक्त इस सावधानीपूर्वक तैयार किए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए अमावा मंदिर के पीछे पहुंचेंगे और अंततः प्रतिष्ठित राम मंदिर तक अपना रास्ता खोज लेंगे.

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