…तो इस तरह अपना नेटवर्क चलाता था मुख्तार
यूपी पुलिस के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने यूपी में कई जघन्य अपराध किए, जिनमें पुलिस वालों की हत्या भी शामिल थीं. वह राज्य के कुख्यात अपराधियों और शूटर्स का गैंग बनाकर काम करता था. उसका लिंक बिहार के गैंगस्टर मोहम्मद शहाबुद्दीन से भी था. यही वजह रही कि उसने मजबूत नेटवर्क बना लिया था. मुख्तार कोयला मंडी और ठेकों से करोड़ों रुपए की मासिक उगाही करता था. कारोबारियों को भी डरा-धमका कर उनसे वसूली किया करता था.
मुख्तार के खिलाफ 2020 में शुरू हुआ मिशन क्लीन!
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के लिए साल 2020 ही काल के रूप में साबित होने लगा था. उसी दौरान उसके खिलाफ मिशन क्लीन शुरू किया गया था. जिस तरह वह कभी लोगों में डर फैलाता था, उससे बुरी तरह पुलिस उसके गैंग के लोगों में डर फैलाने लगी थी. यह वह समय था जब मुख्तार अंसारी के गुर्गों के मकानों और दुकानों पर बुल्डोजर एक्शन होने लगा था. उसके एक-एक अपराध का हिसाब यूं हो रहा था. आगे साल 2009 में मुबई से उसका सबसे दुर्दांत शूटर मुन्ना बजरंगी अरेस्ट किया गया, जिसकी वर्ष 2018 के यूपी के बागपत में जेल के भीतर हत्या हो गई. यह घटनाक्रम भी मुख्तार अंसारी के लिए बड़े झटके के रूप में माना जाता है. फिर बांदा की जेल में उसका नेटवर्क भी खत्म हो गया था और उसके पुराने लोग भी उससे दूर हो गए.
कई राज्यों में मुख्तार पर थे 60 से अधिक पेडिंग केस
यूपी के मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को कई मामलों में सजा सुनाई गई और वह बांदा की जेल में बंद था. मुख्तार पर UP, पंजाब, नई दिल्ली और कुछ और राज्यों में करीब 60 मामले पेडिंग थे. मुख्तार अंसारी की यूपी के नोएडा, कानपुर, लखनऊ, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी में अरबों की प्रॉपर्टी थी.