9 डॉक्टरों की टीम ने किया इलाज
मुख्तार अंसारी का इलाज 9 डॉक्टरों की टीम ने शुरू किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। बता दें कि सोमवार रात को भी तबीयत बिगड़ने पर मुख्तार को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने कब्ज और यूरिन इंफेक्शन की शिकायत बताते हुए 14 घंटे के इलाज के बाद मुख्तार अंसारी को जेल भेज दिया था।
डॉक्टरों ने किया था चेकअप
मुख्ता अंसारी ने 21 मार्च को बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान आरोप लगाया था कि उसे स्लो पॉइजन दिया जा रहा है। इसके बाद डॉक्टरों के पैनल ने जेल में मुख्तार का चेकअप किया। डॉक्टरों ने जेल प्रशासन को बताया था कि रोजा रखने और भूख के बाद ओवरफीडिंग के चलते समस्या हो रही है। बांदा जेल प्रशासन ने मुख्तार के आरोपों को खारिज करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
सीएम योगी ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग
मुख्तार अंसारी की मौत की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर हाई लेवल मीटिंग बुलाई। बैठक में DGP प्रशांत कुमार और ADG (लॉ ऐंड ऑर्डर) अमिताभ यश के साथ पुलिस और गृह विभाग के आला अफसर मौजूद रहे। सीएम योगी खुद पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं और ताजा हालतों पर नजर रख रहे हैं. पुलिस मुख्यालय को सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि अफवाह, भड़काऊ, आपत्तिजनक पोस्ट पर सख्त कार्रवाई की जाए।
यूपी में धारा 144 लागू की गई
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जिलों में पुलिस कर्मियों की विशेष तैनाती है।
2005 से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी
बता दें, मुख्तार अंसारी को मंगलवार को पेट दर्द की शिकायत के बाद करीब 14 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रखा गया था। 63 वर्षीय अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक थे और 2005 से यूपी और पंजाब में सलाखों के पीछे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। उन्हें सितंबर 2022 से आठ मामलों में यूपी की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी और वह बांदा जेल में बंद थे। उनका नाम पिछले साल यूपी पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था।