Varanasi: योगी सरकार विकास कार्य के साथ ही सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन कर रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के जोड़े के विवाह में सात वर्ष में करीब तीन गुने की वृद्धि हुई है। सरकार इस सामूहिक विवाह योजना में विवाह करने वाले प्रत्येक जोड़े पर सरकार ने 51000 खर्च किए जाते है । इसमें 35000 रुपये वधू के बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं। 10,000 की सामग्री वर-वधू को विवाह के समय उपलब्ध करवाई जाती है। शेष राशि शादी के आयोजन में खर्च होती है।
उत्तर प्रदेश की संवेदनशील योगी सरकार कन्यादान करके गरीब परिवारों की बेटियों के हाथ भी पीले करा रही है। वाराणसी के जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरीश चंद्र दूबे ने बताया कि वाराणसी में वित्तीय वर्ष 2018-19 से लेकर वित्तीय वर्ष 2024 -25 तक अनुसूचित जाति-जनजाति के 3024 जोड़े का विवाह हुआ है। सरकार ने इसके लिए 15,42,24,000 ( पन्द्रह करोड़ बयालीस लाख चौबीस हजार ) खर्च किया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष (2025-26) से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की राशि 1 लाख कर दी गई है।
वित्तीय वर्ष -अनुसूचित जाति/जनजाति के जोड़े की संख्या-व्यय धनराशि
2018 -19 -223 -11,373,000
2019 -20 -227 -11,577,000
2020 -21 -170 –8,670,000
2021 -22 -324 -16,524,000
2022 -23 -636 -32,436,000
2023 -24 -785 –40,035,000
2024 -25 -659 -33,609,000
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पिछले सात वर्ष में अनुसूचित जाति-जनजाति के जोड़े की संख्या 3024
पिछड़ा वर्ग के विवाहित जोड़े की संख्या-2,348
अल्पसंख्यक विवाहित जोड़ो की संख्या -293
सामान्य वर्ग के जोड़े की संख्या-44 थी। जबकि पिछड़ा वर्ग,सामान्य वर्ग,अल्पसंख्यक,और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विवाहित जोड़े की कुल संख्या-5709