Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम के संपन्न हो जाने के बाद देश-दुनिया के सभी रामभक्तों को बधाई देते हुए कहा है कि सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग, तपस्या और प्रतीक्षा के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं और अब हमारे रामलला टेंट में नहीं, इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. पीएम मोदी ने आगे कहा, आज का ये अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है.
ये अवसर हमारे लिए सिर्फ विजय का नहीं, बल्कि विनय का भी है. उन्होंने इस क्षण को आलौकिक और पवित्रतम बताते हुए कहा कि रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है. हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है. पीएम मोदी ने राम मंदिर पर विवाद खड़ा करने वाले विरोधियों को जवाब देते हुए कहा, वे आज उन लोगों से आह्वान करेंगे कि महसूस कीजिए और अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए, राम विवाद नहीं समाधान है,
राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं. राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं. राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा, वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता नहीं जान पाए. उनका पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनके कार्य और समर्पण की वजह से आज हम ये शुभ दिन देख रहे हैं. राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है. उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत संत-महात्माओं के हम सब ऋणी हैं. उन्होंने प्रभु श्रीराम से माफी मांगते हुए यह भी कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए. आज वो कमी पूरी हुई है.
मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे. पीएम मोदी ने आने वाले समय को भारत का समय बताते हुए लोगों से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखने का आह्वान करते हुए कहा, “आज अयोध्या भूमि हम सभी से, प्रत्येक रामभक्त से, प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है. श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया… अब आगे क्या? सदियों का इंतजार तो खत्म हो गया…अब आगे क्या?
आज के इस अवसर पर जो दैव, जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, हमें देख रही हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं, कदापि नहीं. पीएम मोदी ने कहा, आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है. ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है.
हज़ार वर्ष बाद की पीढ़ी, राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी. इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है. हमें आज से, इस पवित्र समय से, अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है. ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है.”
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