Noida News: नोएडा प्राधिकरण का बड़ा एक्शन, 8510 करोड़ रुपये नहीं देने पर 13 बिल्डोरों को भेजा नोटिस, नहीं दिए तो चलेगा बुलडोजर

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Noida News: नोएडा प्राधिकरण की एक नई पहल से शहर के 30 हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों को अपने घरों का मालिकाना हक मिलने की उम्मीद जगी है. दरअसल, आशियाने का सपना दिखाकर हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये वसलूने के बाद बिल्डर न सिर्फ उन्हें दौड़ा रहे हैं. बल्कि, नोएडा अथॉरिटी के बकाये का भुगतान भी नहीं कर रहे. ऐसे में नोएडा प्राधिकरण आखिरी नोटिस देते हुए बकाया पैसों का भुगतान करने को कहा है. ऐसा ना करने पर उनके सभी प्रॉपर्टी को जब्त कर बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी. नोएडा अथॉरिटी ने बताया है कि इन सभी 13 बिल्डरों के ऊपर अथॉरिटी का 8510 करोड़ रुपये का बकाया है. प्राधिकरण ने अब इन्हें अंतिम नोटिस जारी कर खरीदारों के पुर्नवास का ब्योरा मांगा है.

सभी नामी बिल्डर्स को जारी किया नोटिस

प्राधिकरण ने बताया कि उसने एटीएस, सुपरटेक और लॉजिक्स सहित सभी अन्य रियल एस्टेट डिवेलपर्स को नोटिस जारी किया है. नोटिस के अंदर प्राधिकरण ने सभी बिल्डर्स को 15 दिनों के भीतर पूरे बकाये के भुगतान के साथ खरीदारों के पुर्नवास के बारे में पूरी जानकारी मांगी है.  वीरवार को जारी हुए इस नोटिस में घर खरीदारों की परेशानी को दूर करने के लिए डिवेलपर्स को ब्याज और जुर्माने में छूट की पेशकश की गई है.

10 फीसदी के साथ हुआ था आवंटन

सभी बिल्डर्स ने उस समय की पॉलिसी का इस्तेमाल करते हुए जमीन की कीमत की मात्र 10 फीसद रकम लेकर अपने नाम जमीन आवंटित करवाई थी. इसके बाद प्राधिकरण के द्वारा कभी भी बिल्डर्स पर बकाया चुकाने का बवाव भी नहीं दिया गया. इसके चलते बकाया राशि धीरे-धीरे बढ़ती चली गई.

दो महीने से चल रहा है अभियान

पिछले 2 माह से नोएडा अथॉरिटी बिल्जर्स से बकाया वसूलने के लिए अभियान चला रहा है. अथॉरिटी के इसी अभियान के चलते 35 से ज्यादा इमारतों पर ‘ये अवैध निर्माण’ लिखवाया जा चुका है. इसके साथ ही 15 इमारतों को सील भी किया जा चुका है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि ये सभी 50 इमारतों को तोड़ा जाएगा.

प्राइवेट कंपनी करेगी तोड़फोड़

अथॉरिटी द्वारा पहले फेज में सर्कल-3 से इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई है. बीआर चावला नाम की एक प्राइवेट एजेंसी का नोएडा अथॉरिटी ने इसके लिए चयन किया है. चयनित एजेंसी पहले चरण में सिर्फ 10 इमारतों को तोड़ेगी. प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, मारतों को तोड़कर वहां से आने वाले मलबे को बाहर बेचकर एजेंसी अपना खर्च निकालेगी.

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