BJP MLA डॉ राजेश्वर सिंह का सपा मुखिया अखिलेश यादव पर पलटवार, जानिए क्या कहा…

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

MLA Dr. Rajeshwar Singh: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव पर फिर पलटवार किया है. सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा, ‘2005 से 2007 तक समाजवादी पार्टी की सरकार ने पैसा और भाई-भतीजावाद की फ़ेहरिस्त बना कर भ्रष्टाचार की जो पौध यूपी पुलिस में भर्ती कर उगाई, वो अब वटवृक्ष बन गई है.

योगी सरकार को अब इन रक्तबीजों का संहार करना मजबूरी है.’ डॉ. राजेश्वर सिंह ने अखिलेश यादव के एक्स पोस्ट के जवाब में आगे लिखा, ‘थाने की दीवार कूदने वाला ये भ्रष्ट दरोगा, 2005 की भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सपा सरकार की देन है, जिसके बारे में आप लंबा चौड़ा ट्वीट कर रहे हैं. अब जब बात भ्रष्टाचार की चली ही है, तो… सपा सरकार की भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त तो प्रदेश की जनता को भी याद है.’

बीजेपी विधायक ने अपने पोस्ट में आगे लिखा-

  • ₹4,500 करोड़ का Cycle Track development Scam!!
    •₹4,000 करोड़ का Mining Scam!!
    •₹2,500 करोड़ का LDA Land Allotment Scam!!
    •1,500 करोड़ का State Highway project Scam!!
    •₹1,400 करोड़ का Gomti Riverfront Project Scam!!
    •₹1,000 करोड़ का Health Department Scam!!
    •₹800 करोड़ का Zila Panchayat Projects Scam!!
    •₹300 करोड़ का Laptop Distribution Scam!!

बीजेपी विधायक ने आगे लिखा, ‘पिछली सभी सपा सरकारों में कोई department बचा नहीं, जिसमें Scam हुआ नहीं. सरकारी योजनाओं के नाम पर ₹97,000 करोड़ की भारी लूट की गई, जिसका पर्दाफाश देश की प्रमुख ऑडिट एजेंसी, CAG की 2018 की रिपोर्ट में हुआ. तो जब खुद के घर में घोटालों की फसल लहलहा रही हो, तो दूसरों को नैतिकता की उपदेश देना हास्यास्पद है. पुलिस भर्ती में लुटेरों को वर्दी पहनाना और अपने ही लोगों को पदों पर बैठाना, सपा सरकार का तो असली ‘विकास’ मॉडल ही यही था.’

उन्‍होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘यूपीपीएससी भर्ती घोटाले में 86 चयनित उम्मीदवारों में से 50 एक ही जाति के थे. आपराधिक पृष्ठभूमि वालों भी सिपाही बना दिया गया था, जिन पर छेड़खानी, दहेज हत्या, मारपीट, लूट और चोरी जैसे गंभीर आरोप में मुकदमें दर्ज थे. आपकी सरकार में हुई 600 से अधिक भर्तियों को रद्द करवाने और जांच की मांग को लेकर करीब 700 से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी. Chairman UP public service commission को highcourt को हटाना पड़ा था और उसके खिलाफ CBI जांच के आदेश देने पड़े थे Court को. जब अंधेरा ही उजाले का ठेकेदार बन जाए, तो उजाला किसे नसीब होगा? यही हाल सपा के राज में यूपी का था.

क्या है मामला

दरअसल, बरेली के फरीदपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर के सात लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर तंज कसा था. अपने पोस्ट में उन्‍होंने लिखा था, ‘अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो भाजपा राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखनेवाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिसवाले हाई जंप में प्लेटिनम मेडल ले आते.’

 

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