Solar plant on Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है. अब सूबे की योगी सरकार ने इस एक्सप्रेसवे को प्रदेश के पहले सोलर एक्सप्रेसवे के तौर विकसित करने की तैयारी की है. जानकारी है कि पीपीपी मॉडल के तहत एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट्स लगाए जाएंगे.
इस परियोजना के तहत 550 मेगावॉट सोलर पावर का जेनरेशन किया जा सकेगा. मिली जानकारी के अनुसार इस एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई है, जहां पर प्लांट्स का निर्माण किया जाना है. इस परियोजना को लेकर कई कंपनियों ने इंटरेस्ट दिखाया है.
प्रदेश को होगा बड़ा लाभ
जानकारों का कहना है कि अगर ये महत्वकांक्षी योजना ठीक ढंग से पूरी कर ली जाती है तो बड़ी मात्रा में ग्रीन एनर्जी भी हासिल किया जा सकेगा. इस परियोजना का सीधा फायदा पर्यावरण को होगा. दरअसल, इससे ग्रीनहाउस गैस कम निकलेगा साथ ही जलवायु परिवर्तन की दर भी कम होगी. इस परियोजना से फायदा ये होगा कि प्रदेश के एक ऊर्जा के श्रोत में बढ़ोत्तरी होगी. इसी के साथ ओपन ग्रिड एक्सेस के तौर पर आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी देखा जा सकेगा. इससे उन घरों को सीधा फायदा होगा जो एक्सप्रेवे के किनारे बसे हैं. अगर ये योजना समय पर पूरी हो जाती है तो एक्सप्रेसवे से जुड़े एक लाख घरों में हर दिन उजाला रहेगा.
कब से शुरू होगी योजना
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार जो भी निवेशक कंपनियां हैं उनके प्रस्ताव सामने आएं है. उनके प्रस्तावों को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) समझने में लगा है. इस योजना के लिए प्रेजेंटेशन को 8 प्रमुख सोलर पावर डेवलपर्स ने पूर्ण किया जिसमें कई बड़े नाम हैं.
- इन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
- टस्को, टोरेंट पावर
- सोमाया सोलर सॉल्यूशंस
- 3 आर मैनेजमेंट
- अवाडा एनर्जी
- एरिया बृंदावन पावर
- एरिशा ई मोबिलिटी
- और महाप्राइट.
सोलर प्लांट से होगा सीधा फायदा
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर जब सोलर प्लांट का निर्माण पूरा हो जाएगा तो यूपीडा को भी बड़े पैमाने पर फायदा होगा. माना जा रहा है कि इससे यूपीडा को लीज रेंट पर 4 करोड़ रुपये की आय होने के पूरे आसार है. इतना ही नहीं इससे पावर भी उत्पन्न होगा. जिसके विक्रय से 50 करोड़ रुपये सालाना प्रॉफिट का अनुमान है. सोलर प्लांट होने से एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक गाड़िया चार्जिंग और अन्य ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा कर पाएंगी.
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