सरोजनीनगर में डॉ. राजेश्वर सिंह स्थापित करवा रहे 100 डिजिटल एजुकेशन और  एंपावरमेंट सेंटर, बोले- जातिवाद नहीं डिजिटल शिक्षा है युवाओं का भविष्य

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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UP News: सरोजनीनगर के युवाओं को डिजिटल संसाधन तथा ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के सतत क्रम में विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने गुरुवार को स्कूटर इंडिया प्रथम गेट, कानपुर रोड, सरोजनीनगर तथा हुल्ली खेड़ा, पिपरसण्ड, निकट रेलवे स्टेशन स्थित विजय लाइब्रेरी सक्सेस पॉइंट पर क्रमशः पांचवें और छठे रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केन्द्रों का लोकार्पण किया। इस दौरान हुल्ली खेड़ा, पिपरसण्ड केंद्र पर सोलर लाइट व हैण्ड पंप स्थापित कराने की घोषणा भी की।

BJP MLA Rajeshwar Singh

युवाओं को मिल रहा डिजिटल टूल का प्रशिक्षण

सरोजनी नगर के विधायक का कहना है कि इन केन्द्रों पर युवाओं को डिजिटल टूल (एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल, ओएस, टैली आदि) का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता हैं. साथ ही इन केन्द्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, सम्मान निधि, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पीएम सूर्यघर फ्री बिजली योजना आदि का लाभ भी स्थानीय लोगों को मिल सकेगा. विधायक ने आगे जोड़ा मेरा लक्ष्य सरोजनीनगर में इस तरह के 100 केन्द्रों की स्थापना का है, ताकि सभी युवाओं को डिजिटल शिक्षा का लाभ मिल सके, इन केन्द्रों पर संचालित विभिन्न कंप्यूटर कोर्स साथ डाटा एंट्री और वीडियो एडिटिंग के कोर्स भी शुरू किये जायेंगे.

‘जातिवाद की राजनीति युवाओं को पीछे ले जाती है’

इस दौरान उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि जातिवाद की राजनीति युवाओं को पीछे ले जाती है, सरोजनीनगर में योग्यता को प्रोत्साहन मेरा प्रयास है, युवाओं के उज्जवल भविष्य का निर्माण मेरी सर्वोपरि प्राथमिकता है. शिक्षा का महत्व जाति, धर्म, लिंगभेद से बहुत ऊपर है, शिक्षा युवाओं को शिखर पर पहुंचा सकती है. शिक्षा ही परिवार, समाज और देश को आगे ले सकती है.

‘आज देश भर में 83 करोड़ मोबाइल फोन हैं’

डिजिटल शिक्षा का महत्व बताते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने आगे कहा कि 20 साल पहले किसी ने हर हाथ मोबाइल फोन और हर गांव इन्टरनेट पहुंचने की कल्पना नहीं की थी, लेकिन आज देश भर में 83 करोड़ मोबाइल फोन हैं जो अगले 3-4 सालों में बढ़कर 120 करोड़ हो जायेंगे. ये भारत में डिजिटल क्रान्ति का प्रभाव है, आज साक्षरता के मायने बदल चुके हैं जो बच्चे डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ जायेंगे, वे अपने जीवन में पीछे रह जायेंगे. अगले 3 सालों में सृजित होने वाली करीब 3 करोड़ नौकरियों के लिए डिजिटल टूल का ज्ञान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगा.

2026 तक डिजिटल स्किल्स में निपुण वर्कफोर्स होगी

कोरोना काल में शिक्षा के बदले पैटर्न पर बात करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना काल में विश्व के हर 10 में से 9 बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई, भारत में सर्वाधिक 82 सप्ताह तक स्कूल बंद रहे, जिस कारण 28.6 करोड़ से अधिक Students की पढ़ाई प्रभावित हुई. उस समय डिजिटल शिक्षा हमारे छात्रों का सहारा बनीं और आज युवाओं के उज्जवल भविष्य का सशक्त स्तम्भ है. आज 92% नौकरियों के लिए डिजिटल स्किल्स आवश्यक होती हैं, वर्ष 2026 तक डिजिटल स्किल्स में निपुण करीब 3 करोड़ वर्कफ़ोर्स व 50% परंपरागत वर्कफ़ोर्स को रिस्किल किये जाने की आवश्यकता होगी.

 

इस दौरान नेहा रावत, अनूप कुमार, विजय कुमार भाजपा नेता नानक चंद लखमानी, राजेश सिंह चौहान, शंकरी सिंह, पार्षद राम नरेश रावत, गीता देवी एवं कमलेश सिंह, सौरभ सिंह ‘मोनू’, लवकुश रावत, मंडल अध्यक्ष केके श्रीवास्तव, शिव कुमार सिंह ‘चच्चू’, भुवनेंद्र सिंह मुन्ना, सुभाष पासी एवं अन्य भाजपा नेता व स्थानीय नागरिक मौजूद रहे.

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