Maha Kumbh में बिछड़ों को अपनों से मिलाएगा बिजली का खंभा, उर्जा मंत्री  ए.के. शर्मा ने बताया कैसे

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 में एक नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए आधुनिक तकनीकी नवाचार को अपनाया है. प्रदेश के ऊर्जा और शहरी विकास मंत्री, ए.के. शर्मा (AKSharma) ने इस पहल के बारे में बताया, जिसका उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा, मार्गदर्शन और संचार को बेहतर बनाना है. इस अवसर पर मंत्री ए.के. शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इसे “डिजिटल महाकुंभ” के रूप में प्रस्तुत किया, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति का उपयोग कर रहा है.
मंत्री ए.के. शर्मा ने शेयर किया वीडियो
मंत्री ए.के. शर्मा सोशल मीडिया मंच ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें महाकुंभ मेले में डिजिटल तकनीक के एकीकरण को दर्शाया गया. इस वीडियो में यह दिखाया गया कि कैसे यह ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन “डिजिटल इंडिया” की डिजिटल अवसंरचना द्वारा आधुनिक रूप से सुसज्जित हो रहा है. मंत्री ने इन तकनीकी सुधारों के महत्व को रेखांकित किया, जो कुंभ मेले के विशाल क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन को आसान बना रहे हैं.

50,000 से अधिक स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स की स्थापना
मंत्री के विभाग द्वारा पेश की गई एक प्रमुख नवाचार है 50,000 से अधिक स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स की स्थापना. पारंपरिक रूप से केवल बिजली और प्रकाश प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ये पोल अब श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. मंत्री ने इन्हें “लाइट हाउस” के रूप में वर्णित किया, जो मेले के विशाल और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सहायता का स्रोत हैं.
कैसे काम करता है यह सिस्टम
स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स में कई तकनीकी विशेषताएं हैं, जो श्रद्धालुओं को मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं
  • जियो-मैपिंग: हर पोल को जीआईएस तकनीक के माध्यम से जियो-मैप किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं.
  • विशिष्ट नंबरिंग: प्रशासन ने हर पोल को एक विशिष्ट संख्या दी है, जिससे व्यक्ति अपनी सटीक स्थिति का संवाद प्रशासन और रिश्तेदारों से कर सकते हैं.
  • बारकोड स्कैनिंग: पोल्स में विशेष बारकोड्स लगे होते हैं, जिन्हें स्कैन करने पर एक सरल फॉर्म खुलता है, जिसमें व्यक्ति अपना नाम, फोन नंबर और समस्या का विवरण भर सकते हैं.
  • रियल-टाइम सहायता: बारकोड द्वारा भेजी गई जानकारी सीधे कंट्रोल रूम में भेजी जाती है, जहां प्रशासनिक अधिकारी मदद के लिए तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि श्रद्धालुओं को अपनी स्थिति पर बने रहना चाहिए, ताकि मदद शीघ्र पहुँच सके.
श्रद्धालुओं को सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का दिया संदेश
मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने पोस्ट के अंत में श्रद्धालुओं को सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संदेश दिया. “हम आपकी सेवा में हमेशा तत्पर हैं,” उन्होंने लिखा, जो इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने में पूरी तरह से समर्पित है.
“डिजिटल महाकुंभ” का युग
यह पहल महाकुंभ के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीकों का मिलाजुला रूप देखने को मिल रहा है. “डिजिटल महाकुंभ” योजना उत्तर प्रदेश की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को सुरक्षित, सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए की जा रही है.
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