EV Charging Station: उत्तर प्रदेश में अब इलेक्ट्रिक वाहन लेकर लॉन्ग ड्राइव पर जाना आसान होगा. दरअसल, योगी सरकार अब प्रदेश के चार बड़े एक्सप्रेस-वे पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रही है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की ओर से इसे लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है. जिन चार एक्सप्रेस वे पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, उनमें बुंदेलखंड, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं. इस एक्सप्रेसवे पर कुल 26 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) बनाए जाएंगे. प्रदेश की ईवी पॉलिसी और भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की गाइडलाइन्स के अनुरूप इन्हें तैयार किया जाएगा.
लोगों को मिलेगी राहत
साथ ही एक्सप्रेसवे के किनारे प्रदेश सरकार अन्य यात्री सुविधाओं को भी विकसित करेगी. चार्जिंग स्टेशन न होने के वजह से काफी लोग अपने शहर में ही ई वाहन (EV) का इस्तेमाल करते हैं. दूसरे शहर में नहीं जा पाते हैं. चॉर्जिंग स्टेशन बनने से अब लोगों को राहत मिलेगी.
दो पहिया से लेकर बसों की हो सकेगी चार्जिंग
यूपीडा के तरफ से इससे संबंधित एक विस्तृत कार्ययोजना को सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा गया है. वहीं इससे पहले प्री-बिड मीटिंग में 11 कंपनियों ने पब्लिक चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने के लिए रुचि दिखाई गई है. इसमें रिलायंस, जीएमआर एनर्जी, बेलेक्ट्रिक, अडानी टोटल एनर्जी, लाइट जिप टेक्नोलॉजी, ईवी प्लेक्सस, सिमेन्स लिमिटेड, कैश और ड्राइव, एएम एंड सीई ई मोबिलिटी, एम्पवोल्ट्स और रैज एंड शाइन कंपनियां शामिल हैं.
दो पहिया से लेकर बस की चार्जिंग के लिए स्थापित होगा स्टेशन
प्रदेश सरकार की तरफ से 26 चार्जिंग स्टेशन के लिए प्रति स्टेशन 2 हजार वर्गफुट की जगह 10 साल के पट्टे पर दी जाएगी. चार्जिंग प्वाइंट ऑपरेटर को दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया और ई बस की चार्जिंग के लिए फास्ट चार्जर स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही सुरक्षा के लिए भी सरकार के मापदंडों का पालन करना अनिवार्य होगा. जमीन मुहैया कराए जाने के 180 दिन के भीतर पब्लिक चार्जिंग स्टेशन को कार्यान्वित करना होगा. स्टेशन बनने के 5 साल बीतने परं छठे साल से प्रदेश सरकार को प्रत्येक चार्जिंग स्टेशन के सकल राजस्व में से 5 प्रतिशत मिलेगा.
एक ही परिसर में मिलेंगी कई सारी सुविधाएं
इसके अलावा प्रदेश सरकार बुंदेलखंड, पूर्वांचल और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे वे-साइड एमिनिटीज (सुविधाएं) भी डेवलप करेगी. इन्हें डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर (DBFOT) के बेस पर विकसित किया जाएगा. यूपीडा के अधिकारियों की मानें तो तीनों एक्सप्रेसवे पर वे साइड एमिनिटीज के लिए भी पूरी कार्ययोजना तैयार है.
इसके तहत बस, कार, और ट्रकों के लिए पार्किंग स्पेस, फूड एंड बेवरेज के आउटलेट्स, ढाबा, एटीएम, पीने का शुद्ध पानी, मुफ्त बेसिक मेडिकल एड फैसिलिटी, बजट होटल, छोटे रिपेयर शॉप, टॉयलेट और वॉशरूम सुविधा, ट्रकों के लिए अलग से सुविधाएं, वेयरहाउस, ऑटो वर्कशॉप की सुविधा उपलब्ध होगी. साथ ही लैंडस्केपिंग, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और हाईमास्ट लाइटों को भी स्थापित किया जाएगा. एक ही विशाल परिसर में ये सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
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