Famous Temple of Sultanpur: भगवान राम ने जहां धोया था पाप, प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन वहां मिलेगी बड़ी सौगात

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Famous Temple of Sultanpur: आशुतोष मिश्र/सुल्तानपुर: जिले के पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व वाला तीर्थ स्थल धोपाप त्रेता युग में भगवान श्रीराम के आगमन प्रसंग से जुड़ा होने के कारण चर्चित है. ऐसी मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान श्री रामचंद्र ने रावण वध से जुड़ा ब्रह्म हत्या का पाप धोपाप में धोया था.

22 जनवरी को मेनका गांधी देंगी सौगात

भगवान राम से जुड़ा स्थल होने के कारण यहां रामलला के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन यहां बड़ी सौगात मिलने जा रही है. बता दें कि 22 जनवरी को सांसद मेनका गांधी धोपाप को पर्यटक स्थल की सौगात देने जा रही हैं. धोपाप हाई मास्टर लाइटों से यह इलाका जगमग हो उठेगा. मुख्य मंदिर और हनुमान मंदिर को जोड़ने के लिए नई सड़क बनाई जाएगी. संपर्क मार्ग, चौड़ीकरण और विकास समिति का गठन सुनिश्चित कर दिया गया है. इसके साथ ही प्रोजेक्टर के जरिए अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा

रामचरित मानस में भी है इस स्थल की मान्यता

सांसद मेनका गांधी ने धोपाप धाम का जीर्णोद्धार कराने का कार्यक्रम शुरू कर दिया हैय आदि गंगा गोमती नदी के तट पर स्थित इस पौराणिक स्थल की मान्यता रामचरितमानस में दर्ज है. धोपाप धाम पर गंगा दशहरा का बड़ा मेला लगता है. जहां पर कई जनपद के लाखों की श्रद्धा में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं. इस पर्यटक स्थल एवं पौराणिक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना सांसद मेनका गांधी की तरफ से बनाई गई है.

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन होगा भोज

22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण प्रोजेक्टर के जरिए यहां किया जाएगा. उम्मीद है कि हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का यहां जमावड़ा लगेगा. खिचड़ी भोज का प्रबंध किया गया है. आने वाले श्रद्धालुओं के बैठने, पेयजल और शौचालय के व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं. स्थाई सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू कर दिया गया है.

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गंगा दशहरा के दिन होती है भारी

आपको बता दें कि रावण वध के उपरांत ऋषियों की सलाह पर भगवान राम ने आदि गंगा गोमती में डुबकी लगाकर पाप से मुक्ति पाई थी, तभी से इस स्थान का नाम धोपाप पड़ गया. प्रत्येक वर्ष गंगा दशहरा पर्व पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु सिर्फ स्नान के जरिए पापों से मुक्ति की चाह में यहां स्नान, दर्शन, पूजन को करने आते हैं.

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