Makar Sankranti 2024: सीएम योगी ने मकर संक्रांति पर गोरखनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, कही ये बात

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Makar Sankranti 2024: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (सोमवार) को मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. बता दें कि मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में जाने का प्रतीक है. मान्यता है कि इस दिन से सूर्य की उत्तर की ओर यात्रा शुरू होती है. गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में प्रत्येिक साल खिचड़ी का प्रसिद्ध मेला लगता है.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति की दी शुभकामनाएं
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है. मकर संक्रांति के अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं को हृदय से बधाई और मंगलमय शुभकामनाएं देता हूं. जगतपिता सूर्य की उपासना का यह पावन पर्व उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में अलग-अलग रूपों और नामों में मनाया जाता है.” उन्होंने आगे कहा, ”आज मकर संक्रांति के मौके पर लोग संगम में स्नान कर रहे हैं. कल से ही श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ा रहे हैं. लोग बड़ी आस्था के साथ खिचड़ी चढ़ा रहे हैं. मकर संक्रांति पर्व के बाद सभी शुभ कार्य किए जाते हैं.”

स्नान का है महत्व
इस दौरान सीएम योगी ने मीडिया को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, “खिचड़ी का त्योहार देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. आज राज्य में कई तरह के आयोजन होते हैं. कहीं लोहड़ी मनाई जाती है, तो कहीं ‘बिहू’ मनाया जाता है. आज लाखों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं, राज्य में संगम के किनारे. बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के लिए पवित्र नदी तालाब और अन्य स्थानों पर जाते हैं. चाहे वह प्रयागराज हो, काशी या अयोध्या धाम.”

उन्होंने आगे कहा, ”आपने देखा होगा कि कल गोरखपुर में श्री गोरखनाथ मंदिर से एक अलग ही जुड़ाव रहा है और आज भी भीषण शीतलहर में भी लाखों श्रद्धालु वहां पहुंचे हैं. महायोगी गुरु गोरक्षनाथ को अपनी आस्था अर्पित कर रहे हैं. सुबह से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर लंबी-लंबी कतारें लगाकर अपनी आस्था प्रकट करने के लिए कतार में खड़े हैं और पूरी व्यवस्था के साथ अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन की ओर से औक प्रशासन की ओर से जगह-जगह पर्याप्त व्यवस्था की गई है. ताकि, भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और बड़ी श्रद्धा से आने वाले भक्त अनुशासनहीन व्यवहार न करें.”

ये भी पढ़े: व्यक्ति का त्याग ही उसके सम्मान का होता है कारण: दिव्य मोरारी बापू

More Articles Like This

Exit mobile version