Gorakhpur News: चुनावी गणित नहीं, वो गुरु दर्शन, गोसेवा और बालप्रेम में रमे रहे. जीं हां, हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के अगले दिन रविवार को एक तरफ जहां कई राजनेता चुनावी गणित समझने में उलझे रहे होंगे, वहीं सीएम योगी के लिए रविवार की सुबह भी रोज की तरह रही. गुरु दर्शन, पूजन, गोसेवा और भारत के भावी भविष्य को स्नेहाशीष का पोषण का रहा. सुबह रिमझिम बारिश के बीच सीएम गोवंश तथा बच्चों के बीच आनंदित नजर आए.
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की प्रातःकालीन दिनचर्या में बदलाव नहीं होता है. लोकसभा चुनाव को लेकर दो महीने की भाग-दौड़ के बीच सीएम जब भी मंदिर आए तो दर्शन-पूजन के साथ उन्हें बेहद आत्मीय संतोष देने वाली गोसेवा और बच्चों से मुलाकात-संवाद उनकी दिनचर्या का हिस्सा बनी रही.
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार शाम से गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर हैं. रविवार को उनकी दिनचर्या परंपरागत रही. शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन कर उन्होंने लोकमंगल की कामना की. फिर अपने ब्रह्मलीन गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया.
तत्पश्चात हर बार की तरह वह मंदिर परिसर के भ्रमण पर निकले. इस दौरान रिमझिम बारिश शुरू हो गई, लेकिन सीएम के कदम नहीं रुके. भ्रमण करते हुए परिसर में उनकी नजर श्रद्धालुओं के साथ आए उनके बच्चों पर पड़ गई. सीएम ने मुस्कुराते हुए बच्चों को अपने पास बुला लिया, सबके माथे पर हाथ फेरकर प्यार-दुलार और आशीर्वाद देने लगे.
उन्होंने बच्चों से उनका नाम, उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा, खूब हंसी-ठिठोली की और सभी को चॉकलेट देकर विदा किया. बारिश की फुहारों के बीच सीएम का सानिध्य पाकर ये बच्चे काफी प्रसन्न नजर आए.
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान सीएम योगी गोसेवा करना कभी नहीं भूलते हैं. रविवार सुबह भी वह मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोशाला में पहुंचे. यहां गोवंश को उनके नाम गौरी, नंदी, श्यामा, भोला आदि से आवाज देकर अपने पास बुलाया.
मुख्यमंत्री ने जब गोवंश को आवाज लगाई तो छोटी गायें और बछड़े भाव विह्वल होकर दौड़ते हुए उनके पास चले आए. सीएम ने सभी को दुलार किया और उन्हें गुड खिलाकर उनकी सेवा की. कई गोवंश तो उनके हाथों से गुड़ खाने के बाद उनसे लिपटने लगे. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की नजर मुख्यमंत्री और गोवंस पर टिकी रही.