कल्कि धाम निर्माण का शुभारंभ: संभल में UP की शिक्षामंत्री और मुरादाबाद कमिश्नर ने किया भूमि पूजन

Shivam
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Start of construction of Shri Kalki Dham: उत्‍तर प्रदेश के संभल जनपद स्थित ऐंचौड़ा कंबोह में श्री कल्कि धाम के निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ हो चुका है. इस ऐतिहासिक मौके पर श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, यूपी की शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी, उनकी बेटी बनियाखेड़ा ब्लॉक प्रमुख डॉक्टर सुगंध सिंह एवं मुरादाबाद कमिश्नर (मंडलायुक्त) आंजनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और जिला विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने भूमि पूजन किया. कल्कि धाम की भूमि पर जब जेसीबी मशीन से खुदाई हुई, तो श्रद्धालुओं के बीच जयकारों और मंत्रोच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो गया.

श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि यहां पर श्रीहरि विष्णु के दसवां अवतार होगा, जिन्‍हें कल्कि भगवान कहा जाएगा, उन्‍हीं के सम्मान में इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. श्री कल्कि धाम के निर्माण की शुरुआत के साथ ही भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिला. पूजा स्थल पर उमड़े श्रद्धालुओं ने श्री कल्कि भगवान के जयकारे लगाए और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस अवसर पर कहा कि यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि भविष्य के दिव्य युग की आधारशिला है. यह धाम भगवान कल्कि के अवतार से पहले तैयार होगा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा.

यह मंदिर विशेष रूप से अपनी स्थापत्य कला के लिए जाना जाएगा. मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थरों से होगा और इसकी शैली अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर जैसी होगी. मंदिर के शिखर की ऊंचाई 171 फीट होगी और इसका चबूतरा जमीन से 11 फीट ऊपर होगा. इसमें भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों के गर्भगृह होंगे, जिससे यह मंदिर एक अनूठा धार्मिक केंद्र बन जाएगा.
वहीं, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार ने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित होगा. इसके निर्माण से संभल का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और बढ़ेगा.
जिला विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने मंदिर के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि कार्य पूर्ण सटीकता और ध्यान से किया जाएगा, ताकि यह धाम युगों-युगों तक श्रद्धालुओं के लिए एक आस्थामय स्थल बना रहे.
जब जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू हुई, तो भक्त झूमते हुए भगवान कल्कि के जयकारे लगाते हुए नाचे. पीरगढ़, अमरोहा से निकली श्री बालाजी दरबार की पदयात्रा भी इस ऐतिहासिक अवसर पर मंदिर पहुंची, जिससे आयोजन और भी भव्य हो गया. गांव के बुजुर्गों से लेकर युवा पीढ़ी तक, हर कोई इस अद्वितीय मौके का गवाह बनने के लिए वहां मौजूद था.
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