Kanpur News: करौली शंकर धाम में माघ पास की पूर्णिमा पर आयोजित उत्सव में करौली शंकर महादेव (Karauli Shankar Mahadev) ने भक्तों को गुरु की महिमा के बारे में बताया और दीक्षा दी. श्रद्धालुओं के जीवन में किसी तरह का रोग, शोक न रहे इसके लिए आयोजित हवन में भक्तों ने आहुति प्रदान की. इस दौरान करौली शंकर महादेव ने कहा, दो चरित्र ऐसे हैं, जिन्हें सर्वाधिक दबाया गया. एक भगवान श्रीकृष्ण हैं, जिन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई. उनकी बांसुरी आपके हृदय में तब बजती है, जब आप साधना करते हैं, आप पर गुरु की कृपा होगी.
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कुछ पुराणों में राधा-कृष्ण के चरित्र के बारे में अलग से पन्ने जोड़े गए और उन्हें रास रचाने वाला दर्शाया गया. प्रभु की रासलीला की बातें भ्रामक हैं. उन्होने बताया कि दूसरा चरित्र है भगवान परशुराम का. जो सात चिरंजीवी हैं, उनमें एक हैं भगवान परशुराम. उनके चरित्र को भी दबाने की कोशिश की गई. उनकी मूर्ति तो हर घर में होनी चाहिए. उन्हें जाति के नाम पर दबाया गया. प्रभु परशुराम का विशाल मंदिर आश्रम की ओर से बनवाया जाएगा. अपने शिष्य को गुरु ही भव सागर से पार कराता है.
गुरु का ज्ञान और शिक्षा ही जीवन का है आधार: करौली शंकर महादेव
गुरु का ज्ञान और शिक्षा ही जीवन का आधार है. गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है. गुरु जगत व्यवहार के साथ-साथ भव तारक, पथ प्रदर्शक भी होते हैं. सनातन अवधारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता-पिता देते हैं, लेकिन मनुष्य का सही अर्थ गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है.
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