यूपी में नहीं बढ़ेंगी शराब की कीमतें, राजस्व बढ़ाने के लिए किये गये हैं कई उपाय

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

New Excise Policy In UP: उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा था कि आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में शराब की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा. हालांकि इसको लेकर प्रदेश के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने नई आबकारी नीति को स्पष्ट किया है. उन्होंने इस बाबत बताया कि राज्य में कंट्री मेड शराब की विभिन्न कैटेगरीज को संक्षिप्त करते हुए इन्हें अब केवल चार हिस्सों में बांटा गया है.

उन्होंने यह भी बताया कि पहले ये नौ श्रेणियों में होती थीं और इनके दाम भी अलग अलग होते थे. अब शराब की कीमतों में कमी लाने का सबसे बड़ा कारण यूपी में ग्रेन अल्कोहल को बढ़ावा देने की नीति है. इससे प्रदेश की दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हुई है और राजस्व को भी फायदा मिल रहा है.

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यूपी में ग्रेन अल्कोहल का हो रहा उत्पादन

उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त की मानें तो सरकार शीरे वाली शराब की जगह ग्रेन (अनाज) वाली शराब को बढ़ावा दे रही है. विश्व भर में ग्रेन अल्कोहल को सबसे ज्यादा क्वालिटी युक्त माना जाता है. पहले इसे पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से इम्पोर्ट करना पड़ता था, वहीं अब इनका निर्माण प्रदेश में ही हो रहा है. इस वजह से इम्पोर्ट ड्यूटी तो बच ही रही है, जीएसटी में भी कमी आई है, साथ ही लाइसेंस फीस का भी 254 रुपए प्रति बल्क लीटर निर्धारण करने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी.

आबकारी आयुक्त ने यह भी बताया कि मिनिमम गारंटी कोटा और मिनिमम गारंटी रेवेन्यू में 10 प्रतिशत का इजाफा करने से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य है. इन सब के बाद भी शराब के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, बल्कि ग्रेन अल्कोहल और यूपीएमल की शराब की 42.8 डिग्री वाली मदिरा पहले जहां 90 रुपए की मिलती थी उसके दाम घटकर 85 रुपए हो जाएंगे

साथ ही, यूपीएमएल की शराब में 36 डिग्री वाली मदिरा नई श्रेणी के रूप में जोड़ी गई है, जिसकी कीमत को 75 रुपए रखी गई है. इसके अलावा शीरे वाली शराब को भी केवल दो कैटेगरी में रखा गया है. इसमें 25 डिग्री की कीमत 50 रुपए और 36 डिग्री की कीमत 70 रुपए रखी गयी है. इनकी दरों में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसके साथ ही पहली बार यूपीएमएल की शराबों को ग्लास के साथ साथ टेट्रा पैक में भी उपलब्ध कराया जाएगा.

यूपी में स्थापित होंगे दुनियाभर के टॉप ब्रांड

आबकारी आयुक्त ने कहा कि राजस्व वृद्धि के लिए पहली बार हम फ्रेंचाइजी फी भी लेकर आए हैं, जिससे दुनियाभर के टॉप ब्रांड यूपी की डिस्टलरीज के साथ फ्रेंचाइजी स्थापित कर सकें. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगर किसी ब्रांड की डिमांड बढ़ती है एवं आसवानियों की कैपेसिटी खत्म हो गई हो तब एक साल के लिए उन्हें दोगुना लाइसेंस फीस के साथ बाहर से मदिरा खरीद कर बॉटलिंग बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी.

यूपी में सड़क पर नहीं पी पाएंगे बियर

आबकारी आयुक्त ने कहा कि प्रचलित व्यवस्था के प्राविधानों में दुरुपयोग रोकने के भी तमाम प्रयास किये गये हैं. इसके अंतर्गत बीयर की दुकानों के पास 100 स्क्वायर फीट के स्थान को परमिट रूम के तौर पर डेवलप किया जा सकेगा. इसकी अनुमति लेने के लिए 5 हजार रुपए सालाना शुल्क होगी.

परमिट रूम का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ठंडी बियर को बियर की दुकानों के पास ही पीने की सुविधा मिल सकेगी. इससे सड़क पर या कहीं कोने में अवैध रूप से बीयर पीने से होने वाली असुविधा और कई बार सड़क पर छेड़खानी, मारपीट जैसे अपराधों और अन्य असुविधाजनक स्थिति से बचा जा सकेगा.

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