Munawwar Rana Death: सोमवार को प्रसिद्ध फिल्म लेखक व गीतकार जावेद अख्तर लखनऊ पहुंचे. उन्होंने शायर मुनव्वर राणा के जनाजे को कंधा दिया. जावेद अख्तर ने कहा, ”शायरी और उर्दू का यह एक बड़ा नुकसान है… मुझे इसका बेहद अफसोस है. यह नस्ल एक-एक करके जा रही है और इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी, उनकी कमी हमेशा खलेगी… उनकी शायरी प्रेरक है, उनके लिखने का अपना अंदाज था. अच्छी शायरी करना मुश्किल है, लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल है अपनी शायरी करना.”
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने मुनव्वर राना के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त किया करते हुए कहा कि उन्होंने उर्दू साहित्य और कविता में समृद्ध योगदान दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “श्री मुनव्वर राणा जी के निधन से दुख हुआ. उन्होंने उर्दू साहित्य और कविता में समृद्ध योगदान दिया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.”
अखिलेश यादव ने कहा…
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी मुनव्वर राना के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. अखिलेश यादव ने कहा, “मुनव्वर राणा देश के बड़े शायर थे… ऐसे शायर बहुत कम होते हैं, जो कई मौकों पर बहुत स्पष्ट होते हैं… मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें.”
लंबे समय से बीमार थे मुनव्वर, दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
मुनव्वर राना का 71 वर्ष की आयु में रविवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. काफी समय से बीमार चल रहे राना यहां संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थे. सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे. 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.