विपक्ष कर रहा है देश को अस्थिर करने की साजिश: डा दिनेश शर्मा

UP News: राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने मलखान सिंह रोड ,एमसी कॉलेज प्रांगण, मेरठ में तथा मीरापुर विधानसभा मुजफ्फरनगर में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में सहभागिता करते हुए उन्होंने कहा कि  विपक्ष देश को अस्थिर करने की साजिश कर रहा है। अलग अलग समुदायों को लडाने का कुचक्र रचा जा रहा है। देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने  की मंशा के तहत ही देश के उद्यमियों को बदनाम किया जा रहा है। वक्फ के नाम पर असंतोष को हवा दी जा रही है। रेल की पटरियों को नुकसान की  भी साजिश की जा ही है। वन्दे भारत आज रेल का बदला हुआ चेहरा है जो हजम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि  विपक्ष सत्ता के लिए लोगों को बांटने की खतरनाक चाल चल रहा है। इसके लिए आरक्षण और संविधान के नाम पर झूठ फैलाया जा रहा है।  ऐसे प्रयास करने वाले ही असल में आरक्षण और संविधान के विरोधी हैं।
कांग्रेस ने तो भारत के संविधान निर्माता को संसद में पहुचने से रोकने की तमाम कोशिश और षडयंत्र किए थे। ये सपा ही थी जिसके कार्यकाल में प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त किया गया था। आज विपक्ष अपने राजनैतिक लाभ के लिए सनातन के लोगों को बांटना चाहता है। इसीलिए आरक्षण और संविधान के नाम पर हाय तौबा मचाई जा रही है। इनसे सावधान रहते हुए एकजुट रहने की जरूरत है। आने  वाले उपचुनाव में भाजपा की ऐसी जीत होनी चाहिए कि पूरे देश में एक मजबूत संदेश जाए। मेरठ में एक वृक्ष मां के नाम कार्यक्रम अंतर्गत उपस्थित लोगों से भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने की अपील करते हुए डा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की तरक्की का खाका खीचा है जो  दीन दयाल जी के सिद्धान्त पर आधारित  है। समाज में बराबरी के लिए सक्षम  व्यक्ति को हाथ आगे बढाकर कमजोर को बराबरी पर लाना होगा। यही सबका साथ सबका विकास है। विकास के साथ पर्यावरण का संतुलन भी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने इसके लिए अपने पूर्वजों के नाम पर वृक्ष लगाने की अपील की है। वृक्ष सही मायने में आक्सीजन के सिलेन्डर हैं इसलिए वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। गुजरात में पूर्वजों के नाम पर पेंड लगाकर उसे संरक्षित करने की परम्परा है और आज उसका अनुकरण करना आवश्यक हो गया है। मीरापुर विधानसभा मुजफ्फरनगर अंतर्गत हिन्दी दिवस पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में सांसद ने कहा कि  शिक्षक समाज की दशा और दिशा को बदलने का कार्य करता है। वह समाज की नकारात्मकता को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  गुरु सही मायने में धरती पर भगवान की तरह होते हैं । उनका सम्मान करके ही जीवन में आगे बढा जा सकता है। लोगों को हिन्दी दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत की अन्य भाषाओं की बडी बहन की तरह है। देश की नई शिक्षा नीति में सभी भाषाओं के सम्मान की व्यवस्था की गई है। हिन्दी को भारत की पहचान बताते हुए कहा कि भारत की संस्कृति का आधार ही समन्वय है जो सबके सुख की कामना करती है।
पाश्चात्य संस्कृति बांटती है जबकि देश की संस्कृति जोडने का काम करती है। भारत पर तमाम बार आक्रान्ताओं ने हमला किया और सब कुछ नष्ट कर दिया पर भारत की संस्कृति को नष्ट नहीं कर पाए। जो भारत एकता और समन्वय का संदेश देता था उसे बांटा गया तथा यहां के गुरुकुलों और नालन्दा और तक्षशिला जैसे केन्द्रों को नष्ट किया गया। धर्मशास्त्र जलाए गए। आक्रान्ता अपने साथ इतिहासकार भी लाए थे जिन्होंने ही भारत के इतिहास को लिखा था। सनातन संकृति को नष्ट करने का काम किया गया। अंग्रेजों ने तो भारत पर लम्बे समय तक राज करने के लिए शिक्षा पद्धति को भी बदल दिया था।  पुराने समय में भारत में जाति नहीं बल्कि वर्ण व्यवस्था थी पर अंग्रेजों ने भारत के समाज को तमाम जातियों में बांट दिया। शिक्षक की समाज का दिग्दर्शन करता है. डा.शर्मा ने चन्द्रगुप्त और उनकी शिक्षक चाणक्य का एक प्रसंग सुनाते हुए बताया कि जब चंद्रगुप्त ने सलूक स जो सिकंदर का सेनापति था उसे हरा दिया तो सेल्लुकुस ने अपनी पुत्री का विवाह चंद्रगुप्त के साथ करने का प्रस्ताव दिया चंद्रगुप्त ने अपने गुरु चाणक्य से अनुमति मांगी।
चाणक्य ने चन्द्रगुप्त के एक प्रश्र के जवाब में कहा दो विभिन्न संस्कृतियों के विवाह का कोई विरोध नहीं है लेकिन शर्त यह है विदेशी माता से पैदा हुई संतान राजसत्ता में उसका उत्तराधिकारी नहीं हो सकता है क्योंकि उसकी मानसिकता मैं विदेशी सोच अवश्य होगा । चाणक्य ने कहा कि विदेश की संस्कृति समागम का सम्मान है पर उसे राजसत्ता की कमान नहीं दी जा सकती है। देश का संचालन वहीं कर सकता है जिसने देश के लोगों का  दर्द देखा हो। जो लोग आज देशवासियों को बांटकर कुर्सी पाना चाह रहे हैं उन्होंने अपने समय में देश में विकास नहीं केवल जातिवाद  क्षेत्रवाद और सम्प्रदायवाद ही फैलाया था। पिछले दस साल में देश इन सबको पीछे छोडकर विकास की राह पर तेजी से बढ चला है। आज देश में सडको का जाल है बदलती रेल है गांव गांव में इंटरनेट आदि है जो नए  भारत की कहानी है।
बांटने वालों से बचने की जरूरत है तभी तरक्की का दौर कायम रहेगा और भारत विश्व गुुरु बन सकेगा। कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षक विद्यार्थी और राजनीतिक दलों से जुड़े हुए प्रतिनिधि उपस्थित थे. सुनील बराला पूर्व  दर्जा राज्य मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, एमएलसी वंदना वर्मा, पूर्व एमएलसी सुरेश कश्यप, राम कुमार शेरावत, राजकुमार छाबड़ा, सत्य प्रकाश विकल्प, राजीव अग्रवाल, मनीष चौहान जिला पंचायत अध्यक्ष, वीरपाल निरवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामा नगर भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष सुधीर सैनी, पूर्व अध्यक्ष विजय शुक्ला, अजय भराला, कार्यक्रम अध्यक्ष राजा देवी शंकर सिंह आदि प्रमुख नेता उपस्थित थे, शिक्षक सम्मान एवं हिंदी दिवस कार्यक्रम के संयोजक दीपक कृष्णा अत्रे थे।

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