Maha Kumbh 2025: प्रयागराज की पावन धरा पर सोमवार, 10 फरवरी को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) कदम रखेंगी और इसकी भव्यता व दिव्यता की साक्षी बनेंगी. जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी. इस दौरान वह संगम स्नान के साथ ही यहां अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी. इस दौरान प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संगम में लगाएंगी आस्था की डुबकी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह संगम नोज़ पहुंचकर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी. मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में राष्ट्रपति मुर्मू आस्था की डुबकी लगाकर सनातन आस्था को मजबूत आधार देंगी. देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण होगा. बता दें कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुम्भ में पावन स्नान किया था.
देशवासियों के सुख-समृद्धि की करेंगी कामना
इसके उपरांत राष्ट्रपति मुर्मू धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी. सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है. यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है. इसके अलावा वे बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी.
आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी. वे डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी, जिसमें महाकुम्भ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही है. यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस अद्भुत आयोजन को और अधिक निकटता से अनुभव करने के लिए स्थापित किया गया है.
राष्ट्रपति शाम पौने छह बजे प्रयागराज से वापस नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी. राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायी क्षण होगा. उनकी उपस्थिति से महाकुम्भ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को एक नई ऊंचाई मिलेगी. राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है.