‘महाकुंभ हमारी आस्था…’, प्रयागराज की धरती से बोले पीएम मोदी- ‘पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है हमारा भारत’

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार, 13 दिसंबर को तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में पूजा अर्चना की. इस दौरान उन्‍होंने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहे महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की. इस अवसर पर पीएम मोदी ने प्रयागराज में 5700 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण किया. प्रयागराज की धरती से देश की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, प्रयागराज की धरती पर इतिहास रचा जा रहा है. महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है. प्रयाग में पग-पग पर पविवित्र स्थान हैं. महाकुंभ की भव्य दिव्य सफलता के लिए शुभकामना.

अध्यात्म और संस्कृति का दिव्य महोत्सव है महाकुंभ

पीएम मोदी ने आगे कहा, महाकुंभ हमारी आस्था, अध्यात्म और संस्कृति का दिव्य महोत्सव है. इसकी तैयारियों का जायजा और विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण के लिए प्रयागराज की पवित्र भूमि पर आकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. महाकुंभ को सफल बनाने वाले लोगों को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने कहा – प्रयागराज में संगम की इस पावन भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। महाकुंभ में पधार रहे सभी साधु-संतों को भी नमन करता हूं. महाकुंभ को सफल बनाने के लिए दिनरात परिश्रम कर रहे कर्मचारियों का, श्रमिकों और सफाईकर्मियों का मैं विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं. है.

पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है हमारा भारत

पीएम मोदी ने आगे कहा, विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने के महा अभियान के माध्यम से प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा. उन्‍होंने कहा, “ये एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी. मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं. हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है. ये गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है. इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप ये प्रयाग है. प्रयाग वो है, जहां पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, जहां पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं.”

आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है महाकुंभ

महाकुंभ पर संगम में डुबकी लगाने का महत्व बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “महाकुंभ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है. एक ऐसा आयोजन है जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है. किसी बाहरी व्यवस्था के बजाय कुंभ, मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम है. ये चेतना स्वतः जागृत होती है. यही चेतना भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है. इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है. जिसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है. यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है.”

प्रयागराज शहर के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर किया गया फोकस

पीएम मोदी ने आगे कहा, “कुंभ जैसे भव्य और दिव्य आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की बहुत बड़ी भूमिका है. महाकुंभ की तैयारियों के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया गया है, प्रयागराज शहर के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है. लोगों को जागरूक करने के लिए गंगादूत, गंगा प्रहरी और गंगा मित्रों की नियुक्ति की गई है. इस बार 15 हजार से ज्यादा मेरे सफाईकर्मी भाई-बहन कुंभ की स्वच्छता को संभालने वाले हैं. मैं आज कुंभ की तैयारी में जुटे अपने सफाईकर्मी भाई-बहनों का अग्रिम आभार भी व्यक्त करता हूं.”

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