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भूतभावन बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के साथ रंगभरी एकादशी पर अबीर गुलाल संग होली खेलने के बाद 11 मार्च, मंगलवार की सुबह मणिकर्णिका घाट की विश्व प्रसिद्ध मसाने की होली संपन्न कराई गई. माता पार्वती का गौना कराकर अपने धाम में लौटे बाबा विश्वनाथ अपने गणों नन्दी, श्रृंगी, भृंगी और भूत प्रेत के साथ जलती चिताओं की भस्म से अद्भुत होली खेली. इस दौरान हर- हर महादेव के जयघोष से पूरा घाट गूंज उठा.
बता दें कि वाराणसी में मसान की होली को लेकर काफी दिनों सेविवाद चल रहा था. लेकिन, अंतत आज वाराणसी पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मसाने की होली को संपन्न कराया. चारों तरफ बांस बल्ली से बरकटिंग करने के बाद आने वाले मसान की होली के प्रेमियों को व्यवस्थित रूप से घाट की तरफ भेजा गया. किसी भी प्रकार का हुड़दंग ना हो इसके लिए डीजे पूरी तरह से प्रतिबंध था. इस दौरान शमशान नाथ का पूजन-अर्चन किया गया.
सबसे पहले धुनी रमाए नागा साधु मसान घाट पर पहुंचे. उनके ऊपर राख डालकर लोगों ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया. इसके बाद आम भक्तों पर चिता भस्म फेंककर महादेव का जयघोष किया गया. इस दौरान घाटों पर अद्भुत नजारा देखने को मिला. मसाने की होली सुबह 10 बजे प्रारंभ हुई, जो 2:00 बजे खत्म हुई. इस दौरान आए हुए होली प्रेमियों ने संगीत ना बजाने पर नाराजगी जाहिर की.
लेकिन पुलिस किसी भी प्रकार की हरदंग को नहीं चाहती थी, जिसके मध्य नजर किसी भी प्रकार के गानों पर प्रतिबंध लगाया गया था. डीसीपी काशी गौरव बांसवाल स्वयं अपने अधीनस्थों के साथ सुबह से ही मसाने की होली खत्म होने तक मॉनिटरिंग कर रहे थे.
डीजे न बजने से घटा उत्साह
मसान होली में डीजे प्रतिबंधित किया गया है. ऐसे में डीजे न बजने की वजह से मसाने की होली मनाने आए कई लोग उदास दिखे. नाच-गाना न होने से युवाओं का उत्साह कम दिखा. लेकिन भक्तों की भीड़ जुटी रही. मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाले सभी रास्ते चोक हो गए. भीड़ गलियों, घाटों और बोट से सीधे मणिकर्णिका घाट पर पहुंचती रही. इस दौरान जमकर धक्कामुखी भी हुई.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे
मणिकर्णिका घाट पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही. घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर भी जवानों की तैनाती रही. सुरक्षाकर्मी भीड़ को कंट्रोल करने में जुटे रहे.