सपा के शासनकाल में सबसे अधिक हुए दलितों पर अत्याचार: डॉ. दिनेश शर्मा

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Lucknow Mathura: बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच के मतभेदों के खुलासे पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि बसपा और सपा की विचारधारा में जमीन आसमान का अन्तर है। वृन्दावन,मथुरा में पत्रकारों से बातचीत में सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा  सपा के शासनकाल में बसपा कार्यकर्ताओं एवं दलित पर  सबसे अधिक अत्याचार  हुए। यदि गूगल में देखा जाय तो मिलेगा कि सपा शासनकाल में दलितो पर हुए अत्याचार के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए। उनका कहना था कि दोनो दल के कार्यकर्ता सपा और बसपा के तालमेल को स्वीकार नही कर रहे थे। उन्होंने कहा ’’जब बसपा को दस और सपा को केवल पांच सीट मिलीं तो सपा ने यह अनुभव किया कि सपा का वोट तो बसपा को मिल गया है पर बसपा का वोट सपा को नही मिला है। संभवतः उसके बाद ही दोनो नेताओं में मतभेद हो गए । वैसे भी सपा दलित विरोधी है।’’
सांसद शर्मा ने कहा कि उनकी  पार्टी जातिवाद को नही मानती।प्रधानमंत्री ने तो केवल चार जातियां ’’युवा, किसान, महिला और गरीबी’’ को ही जाति माना है तथा उनके ही कल्याण के लिए भाजपा सरकार काम कर रही है। डा.शर्मा ने  विरोधी दलों से सभी जाति के गरीबों और पिछड़ों के लिए काम करने की सलाह दी क्योंकि जातिवाद ’’एक जहर’’ है और देश की प्रगति में सबसे अधिक बाधक है। इतिहास साक्षी है कि कुछ सौ साल पहले जाति व्यवस्था की जगह केवल वर्ण व्यवस्था ही थी। सनातनी हिंदू अपनी कार्यो के आधार पर वर्ण का परिवर्तन कर सकते थे उनका कहना था कि मुगुलों और अंग्रेजों ने सत्ता में बने रहने के लिए ही जातिगत व्यवस्था का प्रचार शुरू किया था। चूंकि इतिहास को अधिकतर विदेशियों ने लिखा इसलिये उन्होंने उस ’’सनातन संस्कृति’’ को कमजोर करने  का प्रयास किया जो देश की एकता का मूल है।आज कांग्रेस वही काम कर रही है तथा देश को कमजोर करने के किसी प्रयास से पीछे नही हट रही है। पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी येन केन प्रकारेण सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं यद्यपि सत्ता उन्हें मिलनेवाली नही है। उन्होंने कहा कि ’’ लोगों को गुमराह करने के लिए अफवाह फैलाकर वे कभी जातीय जनगणना कराने की बात पर अफवाह फैलाते हैं तो कभी आरक्षण की बात करते हैं अथवा कभी संविधान को ही खतरे में बताते हैं। सरकार को अस्थिर करने के लिए राहुल हर हथकंडा अपना रहे हैं।’’
डा.शर्मा से शिमला की घटना  पर टिप्पणी करने का जब अनुरोध किया गया और कहा गया कि वहां पर कांग्रेस शासन काल में हुए अवैध निर्माण को हटाने की मांग को लेकर लोग आंदोलन कर रहे है और उन पर लाठियां  भांजी जा रही है, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में महिलाओं की इज्जत लूटी गई और युवको पर अनायास ही बल प्रयोग किया गया। वहां जो विवाद चल रहा है उसी प्रकार का मुद्दा सुक्खू की सरकार के एक मंत्री ने विधान सभा तक में उठा दिया जो उसके लिए उल्टा पड़ा। सुक्खू को वहां का मुख्यमंत्री बनाए रखने का कोई फायदा नही है क्योंकि उनके अंदर लोगों को एकजुट करने की क्षमता नही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह ’’कल्चर’’ है कि हिन्दू मुसलमानों, अगड़ों और पिछड़ों, मुसलमानों और किसी अन्य जाति के बीच मतभेद पैदा कर सत्ता हथियाओ।उन्हें यह पता है कि हिमाचल प्रदेश में कैसी राजनीति की जानी चाहिए और यही कारण है कि उनके एक मत्री ने इस प्रकार का प्रश्न विधानसभा में उठाया था।उनका आरोप था कि ’’यह सब राहुल गांधी के इशारे पर किया जा रहा है।
राहुल दो जातियों में मतभेद पैदा करना चाहते हैं और फिर एक को सहानुभूति दिखाते हैं। कभी वे रामनामी दुपट्टा पहनकर भगवान शिव के विगृह के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं तो कभी वे टोपी लगाने लगते हैं जिसे उन्होंने वर्तमान में छोंड़ रखा है। वे देश को बांटना चाहते हैं तथा हिमाचल की घटना कांग्रेस की फूट डालो राज करो नीति के कारण पैदा हुई है। बंगाल की ताजी घटना पर ममता बनर्जी द्वारा इस्तीफा देने के वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का वह सबसे अच्छा समय होगा जब  ममता वैसा करती हैं जैसा उन्होंने कहा है।उन्हे सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए क्योंकि महिला डाक्टर के साथ वहां पर घटी यह पहली घटना नही है तथा पिछले पांच सालों में इस प्रकार की हजारों घटनाएं हुई हैं।ममता ने हाल में कहा बताते हैं कि यदि पश्चिम बंगाल के हालात सुधरते हंै तो वे त्यागपत्र तक दे सकती हैं। डॉक्टर शर्मा आज मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में दर्शन पूजा अर्चन करने के बाद श्री हरिदास संगीत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए इस अवसर  ध्रुपद वादन के साथ- सात मलिक बांधो द्वारा प्रस्तुत शास्त्रीय संगीत ने वृंदावन की गलियों में एक मनोरम दृश्य पैदा किया इस अवसर पर महापौर से विनोद अग्रवाल विधायक मेघ श्याम सिंह, पूरन प्रकाश एमएलसी, ओम प्रकाश सिंह महानगर अध्यक्ष, घनश्याम लोधी पूर्व अध्यक्ष, राजेश गुप्ता महामंत्री, गोपाल चतुर्वेदी तथा कार्यक्रम के आयोजन, बांके बिहारी मंदिर के पुजारी श्री करण कृष्ण शास्त्री सहित तमाम वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
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