Varanasi: अपार आस्था के साथ सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों ने बाबा के दरबार में हाज़िरी लगाई। रविवार के रात से ही काशी बाबा के रंग में रंगने लगी थी। अंतिम और पांचवें सोमवार को काशी हर हर महादेव के उद्घोष से गूंजती रही। काशी पुराधिपति का पांचवें सोमवार को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार हुआ। महादेव के भक्त बाबा के इस स्वरूप का दर्शन पाकर आनंदित हुए। सावन के अंतिम सोमवार को भी योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा की । 22 जुलाई से शुरू हुए सावन के 29 दिन में 53.84 लाख से अधिक भक्तों ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का आशीर्वाद लिया.
आखिरी सोमवार को 1.64 लाख से अधिक भक्त पहुंचे बाबा के दर
सड़क पर केसरिया कतार में कावड़ियों का ऐसा ही नजारा पूरे श्रावण में काशी में देखने को मिला। कंकर-कंकर शंकर वाले शहर काशी के शिवालयों में भक्तों की आस्था का रेला उमड़ा रहा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि पिछले 4 सोमवार को बाबा को अलग अलग स्वरूपों का श्रृंगार हुआ है। अंतिम सोमवार को भी बाबा का विशेष शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार हुआ। सावन के पांचवे सोमवार को शाम 5 बजे तक 1 लाख 64 हज़ार 716 से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके थे, जबकि सावन माह में अब तक 53 लाख 84 हज़ार से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किये। ( नोट- आंकड़ा 22 जुलाई से 19 अगस्त शाम 5 बजे तक )
सीएम योगी के मार्गदर्शन में सकुशल संपन्न हुआ श्रावण मास का आयोजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में काशी में श्रावण मास से जुड़ा आयोजन सकुशल संपन्न हो गया। इसके लिए श्रावण मास के पहले ही दिन मुख्यमंत्री ने काशी पहुंचकर स्थिति देखी थी और आवश्यक निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने फूल प्रूफ प्लान तैयार किया था। इसका फायदा क्राउड मैनजमेंट समेत अन्य व्यवस्था को सुगमता से करने में मिला। श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान ,सुरक्षा और सुगम दर्शन का कर्तव्य निभाते हुई योगी सरकार ने श्रावण मास को सफलता पूर्वक संपन्न कराया। सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या तीन लाख से अधिक रही है। इस दौरान प्रशासन, पुलिस, कमांडो, यातायात विभाग, चिकित्सकों की टीम, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ़,जल पुलिस की टीम लगातार मुस्तैद रही। बारिश और धूप से बचने के लिए जर्मन हेंगर, पेयजल ,वेट कॉर्पेट,इंडस्ट्रियल कूलर ,पेयजल अल्पाहार आदि की व्यवस्था पूरे श्रावण मास श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में चलती रही।
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